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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के छात्रों के कौशल विकास में सहयोग करेगा प्लांटिका संस्थान

प्लांटिका संस्थान (Plantica), देहरादून और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, ऋषिकेश परिसर में शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों को नये आयाम देने के लिए समझौता पत्र (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर प्लांटिका संस्थान के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. अनूप बडोनी और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पीपी ध्यानी ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर प्रो. ध्यानी ने कहा कि इस समझौते से विश्वविद्यालय परिसर एवं सभी अनुबंधित सरकारी एवं गैर सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ रहे कृषि एवं पादप विज्ञान के विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए कौशल विकास में मदद मिलेगी।

प्लांटिका संस्थान के निदेशक डॉ. बडोनी ने बताया कि प्लांटिका संस्थान कृषि कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण एवं पादप विज्ञान से संबंधित शोध क्षेत्र में तीन वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में अब तक उत्तराखंड के सौ से अधिक किसानों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दे चुके हैं तथा देश के अलग- अलग राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के दो हजार से अधिक विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षित कर चुके हैं।
प्लांटिका संस्थान कौशल विकास के क्षेत्र में मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, प्राकृतिक एवं जैविक खेती, फल संरक्षण, मृदा, पादप एवं जल की जांच विषयों पर तथा कृषि संबंधित सभी विषयों पर प्रशिक्षण देता है।

इस अवसर पर श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, ऋषिकेश परिसर के विज्ञान संकाय के डीन प्रो. डॉ. जीके ढींगरा ने बताया कि इस समझौते से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को शोध कार्यों में भी सहयोग मिलेगा। यह समझौता प्रशिक्षण एवं शोध को ध्यान में रखकर किया गया है।

ऋषिकेश परिसर के प्रिंसिपल प्रो. डॉ पंकज पंत की अध्यक्षता में यह समझौता पत्र हस्ताक्षर किया गया। प्रो. पंत ने इस समझोते को उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर बताया। प्लांटिका संस्थान के वैज्ञानिक अधिकारी आदर्श डंगवाल ने बताया कि आज के इस दौर में युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण की अत्यंत आवश्यकता है। इससे स्वरोजगार पैदा करके प्रदेश में पलायन की समस्या को रोक सकते हैं।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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