पहाड़ी पैडलर्स ने जोखिम वाले रास्तों से होते हुए चिफल्डी पहुंचाई राहत सामग्री
दून की साइकलिंग कम्युनिटी ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात की, सहयोग का वादा किया
देहरादून। दून की साइकलिंग कम्युनिटी पहाड़ी पैडलर्स की टीम टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रभावित दुर्गम गांव चिफल्डी पहुंची। टीम के सदस्य कंधों पर राहत सामग्री लेकर जंगली खाले के किनारे उबड़ खाबड़ जोखिम वाले रास्तों से होते हुए चिफल्डी पहुंचे।
दो दिन पहले ही पहाड़ी पैडलर्स के संस्थापक गजेंद्र रमोला ने चिफल्डी पहुंचकर प्रभावितों से बात की थी। उन्होंने प्रभावितों को तुरंत उपलब्ध कराए जाने वाली आवश्यकताओं की सूची तैयार की थी। उन्होंने विशेषकर महिलाओं और बच्चों की आवश्यकताओं पर फोकस किया। उन्हें जानकारी मिली थी कि बाढ़ में घरों का सामान, बरतन, कपड़े सब बह गए। लोगों के पास वही कपड़े थे, जो उन्होंने आपदा वाले दिन पहने हुए थे।
शनिवार सुबह प्रभावितों के लिए कपड़े, बर्तन, खाना बनाने की सामग्री, कैंडल समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं लेकर टीम देहरादून से चिफल्डी के लिए रवाना हुई।
मालदेवता होते हुए टिहरी गढ़वाल के दुबड़ा से करीब पांच किमी. तक गाड़ियों से राहत सामग्री पहुंचाई गई। यहां से गांव तक जाने के लिए करीब दो किमी. सीधा ढलान है, जो एक जंगली खाले के किनारे से होते हुए है।
यहां से पहले चिफल्डी नदी तक राहत सामग्री पहुंचना आसान टास्क नहीं था, पर टीम के सदस्यों ने हिम्मत नहीं हारी। वो आपदा प्रभावितों से मिलकर उनकी अन्य आवश्यकताओं के बारे भी जानना चाहते थे।
यह जंगली खाला भी 19 अगस्त 2022 की भारी वर्षा में उफान पर था। इसका अंदाजा यहां उखड़े पड़े विशाल पेड़ों और बिखरे पड़े बड़े पत्थरों से लगाया जा सकता है।
हालात यह हैं कि पूरा रास्ता बजरी और पत्थरों से पटा है, जहां टीम के सदस्य बड़ी सावधानी से आगे बढ़ रहे थे। जरा भी असावधानी बड़ी मुश्किल पैदा कर सकती थी, क्योंकि पैर रखते ही बजरी खिसक रही थी। ऊपर से राहत सामग्री के पैकेट ले जाना आसान नहीं था।
पहाड़ी पैडलर्स के संस्थापक गजेंद्र रमोला बताते हैं, नीड असेसमेंट के बाद टीम के साथियों और विशेषकर सुनीत अग्रवाल, मनीष नारंग ने राहत सामग्री जुटाने में सहयोग किया।
दून की साइकलिंग कम्युनिटी पहाड़ी पैडलर्स के सदस्य राहत सामग्री लेकर चिफल्डी जाते हुए। फोटो- पह