ElectionFeaturedPolitics

भारत जोड़ो यात्रा, सीखने का बड़ा अनुभव : मोहित उनियाल

एस.एम.ए.काज़मी। देहरादून

कांग्रेस पार्टी के युवा कार्यकर्ता मोहित उनियाल के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’  सीखने का एक बड़ा अनुभव रही है। देहरादून जिले के डोईवाला निवासी मोहित उनियाल इन दिनों घर लौटे हैं। यात्रा 24 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली पहुंचने के बाद दो जनवरी, 2023 तक विराम पर है। तीन जनवरी, 2023 को यात्रा जम्मू-कश्मीर के लिए शुरू होगी।

तीन हजार किलोमीटर पैदल चलकर कुछ किलोग्राम वजन कम करने के बाद, मोहित उनियाल को लगता है कि यह यात्रा अपने देश, इसके लोगों, भाषाओं, खान-पान और संस्कृति के बारे में जानने और भारत की विविधता का हिस्सा बनने का वो शानदार मौका है, जिसने उनको अनुभवों के साथ बहुत कुछ सिखाया है। देश की इस विविधता को सुरक्षित बनाए रखना ही यात्रा का उद्देश्य है।

मोहित उनियाल, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के राज्य संयोजक हैं, जिनको ‘भारत यात्री’ के रूप में चुना गया था। मोहित कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के समय से एक समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। बाद में, युवा कांग्रेस में विभिन्न पदों पर जिम्मेदारियों को निभाया। इसके अलावा, अधिकतर पार्टी नेता जो पार्टी के टिकट और पदों के लिए लालायित रहते हैं, के विपरीत मोहित उनियाल का निःस्वार्थ काम और संघर्ष का रिकॉर्ड रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से पार्टी से टिकट मांगा था। उनको कांग्रेस ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था, लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस में गहन आंतरिक द्वंद्व के कारण दो दिनों के बाद टिकट वापस ले लिया गया। शायद, मोहित पार्टी के एकमात्र ऐसे उम्मीदवार थे, जो पार्टी के अचानक टिकट छीने जाने से नाराज नहीं हुए, बल्कि दूर-दराज के गांवों में मेहनतकश जनता से मिलने और उनकी समस्याओं को साझा करने के लिए चले गए, जो उनको हमेशा से पसंद रहा है।

“गर्मी, बारिश और यहां तक कि कड़कड़ाती ठंड में सुबह चार बजे उठकर लोगों से मिलने के लिए चलना, अनुशासित होने के लिए सीखना एक जबरदस्त अनुभव रहा। पहले दस दिन में अधिकतर ‘यात्रियों’ पर थकान का असर पड़ा था, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिबद्धता और अनुशासन ने, हमें न केवल चलने की ताकत दी, बल्कि इसके लिए उत्साहित भी हुए” मोहित बताते हैं।

उन्होंने बताया, चूंकि यात्रा सुबह जल्दी शुरू हो रही थी, इसलिए उनमें से कुछ के लिए यह असुविधाजनक था, कुछ लोग सुबह देर से यात्रा शुरू करने के लिए राहुल गांधी के पास गए। “राहुल गांधी के जवाब ने, उन श्रमिकों की याद दिलाई, जो कोरोना संक्रमण के दौरान अपने बच्चों, परिवार के साथ घर-गांवों के लिए हजारों किमी. पैदल चले थे। उनके पास तो खाने और रहने की कोई सुविधा नहीं थी, जबकि हमारे पास तो सबकुछ है। राहुल गांधी ने उन किसानों, श्रमिकों और रोजीरोटी के लिए घर से जल्द सुबह घरों से निकलने वाले लोगों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को याद दिलाया।”

मोहित बताते हैं, सुबह 6 बजे शुरू होने वाले यात्रा लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पहले गंतव्य तक पहुंचती थी और पांच घंटे आराम करते थे, वहीं राहुल गांधी उस दौरान प्रतिनिधिमंडल और लोगों से मिलते थे। “उनकी ऊर्जा ने हमें प्रेरित किया।

यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ, अपनी व्यक्तिगत बातचीत का जिक्र करते हुए मोहित बताते हैं, चार ‘यात्री’ हर दिन पैदल चलने के दौरान उनसे बातचीत करते थे और उन्हें कर्नाटक के बेल्लारी में मौका मिला था। “राजनीति, सत्ता, लोगों की सेवा के बारे में उनके विचारों तथा उन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ उनके संघर्ष के बारे में जानना ज्ञानवर्धक था, जो चुनावी लाभ के लिए समाज को विभाजित करती हैं।”

“युवा पीढ़ी की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह जनता से संबंधित मुद्दों को समझे और उन विभाजनकारी ताकतों से लड़े, जो राजनीतिक लाभ के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एक खाई पैदा करने पर उतारू हैं। हमने उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में देखा कि किस तरह सांप्रदायिक एजेंडे को इस्तेमाल किया गया। उत्तराखंड राज्य से संबंधित वास्तविक मुद्दे चुनाव से बाहर हो गए, ” मोहित ने कहा। यह यात्रा महंगाई, बेरोजगारी और विभाजनकारी ताकतों का विरोध करती है।

भविष्य की योजनाओं पर, मोहित ने बताया, दो महीने का राष्ट्रीय आंदोलन “हाथ से हाथ जोड़ो अभियान”, वर्तमान ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद शुरू होगा। यह आंदोलन गणतंत्र दिवस 26 जनवरी,2023 को शुरू होगा। “हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा” गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर शुरू की जाएगी । साथ ही, राज्य स्तर पर सम्मेलन और रैलियां भी होंगी।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की तैयारी के लिए सभी ग्राम पंचायतों और बूथों को कवर करते हुए ब्लॉक स्तर पर ‘हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा’ का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य एक साथ मिलकर मानव श्रृंखला बनाना है।

अनुवादित- मूल लेख 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button