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कार्यस्थल का खराब माहौल भी अवसाद की बड़ी वजह

विश्व स्तर पर 300 मिलियन से अधिक लोग अवसाद से पीड़ित हैं। इनमें से बहुत से लोग चिंता से पीड़ित हैं। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के निर्देशन वाले अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि घबराहट और अवसाद संबंधी विकारों से वैश्विक अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में हर साल 1 खरब डॉलर की गिरावट हो रही है। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए बेरोजगारी जाना पहचाना कारक है।

नकारात्मक कामकाजी वातावरण की वजह से मानसिक औऱ शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ाती हैं। इसकी वजह से हानिकारक पदार्थ या एल्कोहल का सेवन करने, अनुपस्थिति और उत्पादकता में कमी की दिक्कतें बढ़ती हैं। कार्य करने का स्थान और वहां का माहौल अनुपस्थिति की समस्या को कम करके प्रोडक्टिविटी और बैनीफिट को बढ़ा सकता है, जो सीधे तौर पर आर्थिक लाभ की संभावना में वृद्धि करता है।

यह जानकारी पत्र कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य और विकारों को बताता है इसमें कठिनाइयों को भी शामिल किया गया है जो तनाव और जल के रूप में काम से उत्पन्न या बढ़ाया जा सकता है।

मुख्य बातें

  • कार्य मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन नकारात्मक कामकाजी वातावरण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
  • अवसाद और चिंता आर्थिक रूप से प्रभावित करते है। इनकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में 1 खरब डॉलर की अनुमानित गिरावट होती है।
  • कार्यस्थल पर उत्पीड़न व अनावश्यक परेशान करने का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
  • कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए संगठन कई प्रभावी कार्य कर सकते हैं; ऐसे कार्यों से उत्पादकता को लाभ मिल सकता है।

अधिक जानकारी के लिएः Mental health in the workplace

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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