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लिपस्टिक का है शौक तो रखें ये ध्यान

अगर आपको लिपस्टिक का शौक है तो उसे खरीदते समय कुछ अहम बातों का ध्यान रखें नहीं तो आपके होंठों को नुकसान पहुंच सकता है। लिपस्टिक खरीदते समय अपने बॉडी टोन का ध्यान रखें। लिपस्टिक में कई फिनिश होते हैं जैसे- मैट्टी फिनिश या सॉटिन फिनिश आदि। ये फिनिश लिप्स को अलग-अलग लुक देते हैं। अगर आपको लम्बे समय के लिए लिपस्टिक को कैरी करना है तो मैट्टी लिपस्टिक बेस्ट रहती है, वहीं सॉटन लिपस्टक आपके लिप्स को वेलविट लुक देती है।
इंटरनेशनल ब्रांड के फेर में पड़कर बजट न बिगाड़ें। कई इंडियन ब्रांड उसी क्वालिटी की लिपस्टिक बजट प्राइज में देते हैं। जानकारी जुटाएं।
नकली लिपस्टिक स्किन को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए लोकल शॉप के बजाय ब्रैंडेड स्टोर से ही इसे खरीदें।
आमतौर पर लिपस्टिक की एक्सपायरी डेट 3 से 5 साल के बीच होती है। इसलिए इसे चेक करना न भूलें।
लिपस्टिक लगाने के तरीके
कभी-कभी लिपस्टिक लगाते समय वह हमारे दांतों पर लग जाता है. लिपस्टिक को दांतों से दूर रखना मुश्किल का सबब बन जाता है. हम कुछ उपाय बता रहे हैं, जिससे आप लिपस्टिक को दांतों से दूर रख सकते हैं.
मैट लिपस्टिक का प्रयोग करे: मैट लिपस्टिक इधर-उधर नहीं फैलती है. अगर आपके दांतों में लिपस्टिक लग जता है तो आपके लिए अच्छा होगा कि आप क्रीम और सैटिन लिप कलर्स से दूर रहें।
लिक्विड मैट लिपस्टिक का प्रयोग करे: मैट से भी अच्छा लिक्विड मैट होता है। इस लिपस्टिक में शाइन होता है और यह लंबे समय तक रहता है।
उंगली से बाहर निकालें लिपस्टिकः दांतों में लिपस्टिक लग जाने के बाद मुंह में कोई भी उंगली डालें। इससे फैली हुई लिपस्टिक उंगली से बाहर आ जाती है।
लिप लाइनर का प्रयोग करे: लिप लाइनर लगाने से लिपस्टिक लाइन के बाहर नहीं जाती और दांत में भी नहीं फैलता।
टिश्यू का प्रयोग करे: दांतों पर लिपस्टिक जाने से रोकने के लिए होठों के बीच टिश्यू पेपर रखें। इससे दांतों पर लिपस्टिक का दाग नहीं लगता।
होठ को रगड़ ले: लिपस्टिक लगाने से पहले अपने होठों को अच्छी तरह से रगड़ लें। अगर होंठ चिकने नहीं है तो लिपस्टिक बह जाती है।
लिप ब्रश का प्रयोग करे: लिप ब्रश से एकदम अच्छे से लिपस्टिक लगती है और दांत में दाग भी नहीं लगते।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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