current AffairsFeaturedfoodhealth

स्वस्थ रहने के लिए फल और सब्जियां खाना बहुत जरूरी

यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि स्वास्थ्य और भोजन के बीच अटूट रिश्ता है, लेकिन यह रिश्ता तभी तक बना रहता है जब तक हम अपने द्वारा खाए जाने वाले आहार के प्रति सचेत रहते हैं।
फल और सब्जियों के आहार की स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फल और सब्जियों के नियमित सेवन से हमारे स्वास्थ्य और शरीर की आंतरिक प्रणाली मजबूत होती है।
साथ में हमारी पाचन शक्ति भी बढ़ती है जो पोषण प्रदान करने के अतिरिक्त हमें अनेक रोगों से बचाने में भी सहायक होती है।

इंडिया साइंस वायर में प्रकाशित रिपोर्ट में  एक शोध के हवाले से बताया गया कि फल और सब्जियां खाने से जहां कैंसर जैसे घातक बीमारी से बचाव होता है, वहीं दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
इसके साथ ही हरी सब्जियां और फल खाने वाले लोग सब्जियां और फल नहीं खाने वालों की तुलना में कहीं अधिक खुश रहते हैं।
फल और सब्जियों में वसा, नमक और चीनी की मात्रा बहुत कम होती है। ये फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं। इनके नियमित सेवन से मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए खाने में ज्यादा से ज्यादा फलों और सब्जियों का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। फलों और सब्जियों में फाइटोकेमिकल्स होते हैं। जैविक रूप से सक्रिय ये पदार्थ बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
यदि नियमित रूप से खाने में फल और सब्जियां का इस्तेमाल किया जाए तो मधुमेह, आघात, हृदय रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है।

भूपाल सिंह कृषाली जी से जानिए- जैविक खेती में संभावनाएं

दरअसल, फलों और सब्जियों को रक्षा करने वाला खाद्य कहा जाता है।
हमारे शरीर को जीवन की विभिन्न महत्वपूर्ण क्रियाओं को करने और खून बनाने के साथ ही हड्डियां और दांतों को मजबूत रखने के लिए विभिन्न विटामिनों और खनिजों की जरूरत होती है।
फल और सब्जी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, मिनरल्स और पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, बी, सी, डी और ई, कैरोटेनाइड्स, कोएंजाइम क्यू 10, पॉलीफेनोल्स, पोटेशियम, सेलेनियम और जिंक उन्हीं जरूरतों को पूरा करते हैं।
शरीर के हर अंग के विकसित होने, मजबूत और स्वस्थ रहने के लिए अलग-अलग पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो फल और सब्जियों से भरपूर मात्रा में मिलती है। जैसे स्वस्थ आंखें, त्वचा और शिशुओं के विकास के लिए विटामिन ‘ए’ बहुत जरूरी है।
यह बीटा-कैरोटीन के रूप में संतरा, पीले रंग के फल और सब्जियों जैसे पपीता, आम, कद्दू, गाजर और हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों में मौजूद है। इसलिए जरूरी है कि हम खाने में इन फल व सब्जियों को शामिल करें।
वहीं विटामिन ‘सी’ यानी एस्कॉर्बिक एसिड हमारे शरीर को मजबूत करने वाला तत्व है। यह स्वस्थ मसूड़ों और शरीर में प्रतिरोधक शक्ति बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए विटामिन ‘सी’ से भरपूर नींबू वंश के फल जैसे संतरा, मौसमी, नींबू का सेवन जरूरी है।
आंवला विटामिन ‘सी’ से भरपूर फल होता है जो सस्ता भी होता है। इसके साथ ही कच्चे रूप में प्रयोग की जाने वाली पत्तेदार सब्जियों में भी विटामिन ‘सी’ भरपूर होता है जिनका सेवन भोजन में किया जाना चाहिए।
इसी प्रकार फॉलिक एसिड हमारे शरीर में रक्त के पुनर्निर्माण के लिए बेहद जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियां इस विटामिन का महत्वपूर्ण स्रोत है।

भूपाल सिंह कृषाली जी से जानिए- जैविक खेती में संभावनाएं

इस विटामिन के महत्व का पता इसी बात से चलता है कि प्रारंभिक अवस्था में इसकी कमी से नवजात शिशुओं में न्यूरल ट्यूब दोष की संभावना काफी बढ़ जाती है, जिसके कारण शिशु के मस्तिष्क और मेरुदंड में गंभीर विकार आ सकते हैं। जरूरी है कि फॉलिक एसिड की पूर्ति के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों को खाया जाए।
राइबोफ्लेविन-एंजाइम प्रणाली का महत्वपूर्ण घटक विटामिन ‘बी-2’, सामान्य त्वचा, पाचन और दृष्टि को बनाए रखने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियों में यह पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में पाचन क्रिया को बनाए रखने के लिए भोजन में विटामिन ‘बी-2’ का प्रयोग करना आवश्यक है।
आयरन हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है। बिना पर्याप्त आयरन के रक्त के रेड सेल्स द्वारा शरीर के उत्तकों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुँचाना संभव नही हो पाता।
हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन का अच्छा और महत्वपूर्ण स्रोत हैं। खजूर, किशमिश जैसे सूखे मेवे में भी आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इन सभी का भोजन में पर्याप्त उपयोग होना चाहिए।
कैल्शियम हमारी हड्डियों और दांतों के लिए बेहद जरूरी है। यही नहीं कैल्शियम हमारे शारीरिक ढांचे, हृदय गति, रक्त जमाव, मांसपेशी-संकुचन और नसों को संवेदनशील बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पत्तेदार हरी सब्जियों को खाने में इस्तेमाल कर हम प्रचुर मात्रा में कैल्शियम ले सकते हैं। अगर हम कैल्शियम से भरपूर फल और सब्जियां खाते रहें तो हमें अलग से पूरक के रूप में कैल्शियम लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आहार रेशा भी आहार का एक महत्वपूर्ण घटक है जो फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है। यह सामान्य आंत्र-गति में सहायक होता है। कैंसर, पुरानी बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और हृदय धमनी रोगों को रोकने में भी सहायक होता है।
फल आमतौर पर महंगे माने जाते हैं, लेकिन प्रकृति ने हमें प्रचुर मात्रा में मौसमी फल और सब्जियां प्रदान की हैं जो अपने-अपने मौसम में बहुतायत से और सस्ते मूल्यों पर उपलब्ध होते हैं।
जरूरी है उन मौसमी फलों और सब्जियों को अपने आहार का हिस्सा बनाना ताकि हम स्वस्थ रह सकें।
मौसमी फल और सब्जियां न केवल पौष्टिक होती हैं बल्कि उनमें मौसम के अनुरूप शरीर की विशेष जरूरतों को पूरा करने की विशेषता होती है।
आम, अमरूद, पपीता, केला, गाजर, संतरा आदि पौष्टिक फल अपने-अपने मौसम में हर कहीं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
एक बात जो बेहद जरूरी है, वह है फलों और सब्जियों को ठीक तरीके से संभाल कर रखना। फलों और सब्जियों को संभाल कर नहीं रखने से उनमें महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के नष्ट हो जाने की संभावना होती है।
इसलिए इन खाद्य पदार्थों के रख-रखाव और पकाने-खाने में काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जैसे उचित तापमान में रखना, पकाने से पहले अच्छे से धोना, सड़े हुए फल या सब्जी को नहीं खाना आदि।
मानव शरीर संरचना बेहद जटिल है और इसमें कई प्रक्रियाएं एक साथ चलती रहती हैं। शरीर के संचालन के लिए पूर्ण ऊर्जा की जरूरत होती है। जब मानव शरीर बीमार पड़ता है उस वक्त उपचार के अलावा स्वस्थ आहार और फल ही हमें बीमारी से निजात दिलाते हैं।

भूपाल सिंह कृषाली जी से जानिए- जैविक खेती में संभावनाएं

यह बात भी बिलकुल सच है कि कोई भी बाह्य -पूरक यानी सप्लीमेंट्स फल और सब्जियों की जगह नहीं ले सकते। अगर ऐसा होता तो लोग फल और सब्जियों को उपजाने और खाने के लिए इतनी मेहनत नहीं करते।
भारत जैसे देश में 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं खून की कमी से पीड़ित है। किशोरों का एक बड़ा भाग जिसमें 40 फीसदी लड़कियां और 18 फीसदी लड़के हैं, एनीमिया यानी खून की कमी से जूझ रहे हैं।
ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि अन्य उपायों के अलावा उनके आहार में हरी सब्जियां और फल पर्याप्त मात्रा में हो ताकि उन्हें भरपूर मात्रा में आयरन मिले और शरीर में खून की कमी दूर हो।
स्वस्थ तन और मन, सुखी जीवन का आधार होता है और स्वस्थ तन और मन की चाबी हमारे स्वास्थ्य और संतुलित आहार में छिपी हुई है, जो हमें फल और सब्जियों के जरिए प्राप्त होता है।
इसलिए स्वस्थ और ऊर्जावान रहने के लिए फल और सब्जियों का भोजन में उपयोग बेहद जरूरी है। (इंडिया साइंस वायर)

 

 Key words: Vigyan Prasar , The leafy vegetable species of Jharkhand, Effective source of nutrition, India Science, Nutritional value of vegetables, Organic farming, Food from forest, Food Security in Villages of India, Health Care Services in Rural India, Agriculture Cycle, Source of income, Sources of Livelihood, पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां, कंद वाली सब्जियां कौन सी हैं, कम संसाधनों में खेती कैसे करें, उत्तराखंड में कृषि में महिलाओं का योगदान, झारखंड में खेती के तरीके, सब्जियों की किस्में    

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker