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पुष्कर सिंह धामी को पूरा विश्वास था मुख्यमंत्री उनको ही बनना है

पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर आभार जताने के लिए किया गया ट्वीट आज तक पिन करके रखा है

देहरादून। इसको कहते हैं दृढ़ विश्वास। पुष्कर सिंह धामी 4 जुलाई,2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे, तब से लेकर आज तक उन्होंने अपने उस ट्वीट को पिन करके रखा है, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में दी गई जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया था।

यह ट्वीट आज भी उनके ट्विटर हैंडल पर सबसे ऊपर है, उन्होंने इसको पिन किया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके इस ट्वीट में लगभग नौ माह बाद भी किसी तरह के परिवर्तन करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि धामी को एक बार फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया है, भाजपा विधायक दल ने उनको यह जिम्मेदारी दी है।

 

चार जुलाई,2021 के इस ट्वीट को आज तक पिन रखा गया है, इस आधार पर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि धामी को इस बात का पूरा विश्वास था कि वो ही मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि उनका यह विश्वास उस समय संशय में आ गया था, जब उनको खटीमा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। पर, भाजपा हाईकमान ने उन पर विश्वास व्यक्त किया है और उनको मुख्यमंत्री चुना है।

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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