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वन भूमि हस्तान्तरण के प्रकरणों में तेजी लाएं अफसरः मुख्यमंत्री

मानव वन्य जीवन संघर्ष को कम करने के लिए तैयार की जाए कारगर रणनीति 

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सड़कों एवं अन्य विकास कार्यों में लम्बित वन भूमि हस्तान्तरण के मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिये कारगर रणनीति तैयार करने के भी निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।

सोमवार को मुख्यमंत्री धामी से प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी के नेतृत्व में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से वन भूमि हस्तान्तरण के मामलों में अनावश्यक विलम्ब न किए जाने की अपेक्षा की।

उन्होंने कहा कि वन भूमि हस्तान्तरण के प्रकरणों में विलम्ब होने से विकास कार्यों को पूर्ण करने में अनावश्यक देरी हो रही है।

मुख्यमंत्री को एसोसिएशन ने कार्बेट नेशनल पार्क पर आधारित काफी टेबल बुक भी भेंट की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, नव नियुक्त मुख्य सचिव एसएस संधू, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते के साथ ही वन विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

Keywords:- Uttarakhand’s Forest Land Transfer, Chief Secretary S.S.Sandhu, Corbett National Park, Indian Forest Service

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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