मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को हरिद्वार पहुंचकर उत्तराखंड सरकार एवं पतंजलि योगपीठ के संयुक्त प्रयासों से संचालित कोविड अस्पताल का शुभारंभ किया।
इस अस्पताल में 140 ऑक्सीजन बेड, 10 इमरजेंसी बेड, 4 वेंटीलेटर की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार कोविड पोर्टल और प्री-पेड एंबुलेंस सर्विस का भी हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।
इस अस्पताल में स्टाफ, सफाई, ठहरने, भोजन, दवाइओं आदि की व्यवस्था भी पतंजलि योगपीठ करेगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हरिद्वार में संचालित होने वाले इस कोविड अस्पताल का लाभ आसपास के जिलों के लोग भी ले सकेंगे।
कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हम सबको कोविड-19 गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से लड़ने के लिए कारगर कदम उठा रही है। प्रदेश में 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए निशुल्क कोरोना वैक्सीन की व्यवस्था की गई है, उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान में 400 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगातार वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया कि उनके अनुरोध पर आईडीपीएल ऋषिकेश में एवं सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 500- 500 बेड के दो अस्थाई अस्पताल का काम शुरू किया जा चुका है, जो अगले कुछ दिन में तैयार हो जाएंगे, जिसके लिए हमने डीआरडीओ के लिए 40 करोड़ जारी कर दिए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री तीरथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उत्तराखंड में कोविड अस्पताल की आवश्यकता से अवगत कराया था, जिस पर रक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में अगले कुछ दिन में 19 मीट्रिक टन क्षमता का ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया जा रहा है।
हिमालयन इंस्टीट्यूट जौलीग्रांट में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है, जिसका सकारात्मक जवाब मिला है, उम्मीद है कि ये जल्द स्थापित हो जाएंगे।
इस दौरान पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव ने कोरोना महामारी को लेकर सरकार के प्रयासों की सराहना की।
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