देहरादून के पास टिहरी के चिफल्डी गांव में बाढ़ से लोग बेघर हुए
टिहरी के जिलाधिकारी ने कहा, प्रभावित गांवों में टीमें जा रही हैं, हेलीकॉप्टर की मदद भी लेंगे
देहरादून। देहरादून से ज्यादा नजदीक टिहरी गढ़वाल के गांव चिफल्डी (तौलिया काटल) में बीती रात चिफल्डी नदी में भारी बाढ़ से तबाही मच गई। कई मकान क्षतिग्रस्त होने से बेघर हुए छह-सात परिवारों को पास ही प्राइमरी स्कूल के भवन में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण दिनेश और राजेश पंवार ने बताया कि घरों में रखा सामान और कपड़े भी बाढ़ में बह गए। हालत यह है कि बेघर हुए लोगों के पास कपड़े तक नहीं हैं।
चिफल्डी (तौलिया काटल) में बीती रात भारी बारिश से चिफल्डी नदी में उफान आ गया। ग्रामीणों ने फोन पर बताया, सात परिवार बेघर हो गए। नदी में पानी तेज होने से भूमि का काफी कटान हो गया है। ग्रामीणों में काफी दहशत है।
उधर, टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया, कल रविवार को इन गांवों में राहत टीमें पहुंच जाएंगी। आवश्यकता महसूस हुई तो हवाई सेवा की मदद भी ली जाएगी।
ग्रामीणों ने फोन पर बताया, प्रशासन के स्तर से अभी तक उनको कोई राहत नहीं मिल पाई है। लोग खुद के भरोसे राहत कार्यों में जुटे हैं। घरों के बाढ़ में तबाह होने से जो परिवार बेघर हो गए हैं, उनमें एक से डेढ़ साल तक के बच्चे भी शामिल हैं। बच्चों की सुरक्षा की काफी चिंता है, क्योंकि उनके पास कपड़े तक नहीं बचे हैं। बड़ी मुश्किल में दिनरात कट रहे हैं।
ग्रामीण राजेश पंवार के अनुसार, गांव में एक मकान पूरी तरह से बह गया। एक परिवार को उन्होंने अपने घर में शरण दी है। कुछ परिवार प्राइमरी स्कूल में शरण लिए हैं।
उन्होंने बताया, बिजली नहीं होने से फोन भी रीचार्ज नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे में एक दिन बाद बाहर किसी से भी बात करने, सहयोग पाने में दिक्कत होगी।
हालात यह है कि इस समय रगड़ गांव तक जाने के लिए ट्राली व्यवस्था भी सौंग नदी की बाढ़ में बह गई। यह ट्राली ही चिफल्डी गांव के बच्चों को राजकीय इंटर कालेज रगड़गांव पहुंचने के लिए नदी पार करने का एकमात्र साधन है। वहीं, माल देवता- चंबा मार्ग पर दुबड़ा से जाने वाला रास्ता नदी में बाढ़ की वजह से बंद है।
वहीं, टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार का कहना है, बाढ़ से प्रभावित गांवों की सूची प्रशासन के पास है। आज (शनिवार) को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ पुलिस व प्रशासनिक टीमों ने उन गांंवों में राहत अभियान चलाए, जहां बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इस आपदा में दो लोगों की मृत्यु हो गई है।
उन्होंने बताया, कल (रविवार) रगड़ गांव, सैरा गांव, ऐरल, तौलिया काटल सहित अन्य गांवों में राहत टीमों को भेजा जाएगा। आठ-दस टीमें राशन और अन्य जरूरी सामान लेकर गांवों में पहुंचेंगी। मौसम सही रहा तो राहत के लिए हवाई सेवा की मदद ली जाएगी। जहां भी आवश्यकता होगी, वहां मदद पहुंचाएंगे।
जिलाधिकारी के अनुसार,बाढ़ प्रभावित गांवों में प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। बाढ़ में गांवों तक के रास्ते बंद हो गए है। इन गांवों में आवश्यकता होने पर हवाई सेवा से टीम भेजी जाएगी। कल मालदेवता से राहत अभियान फिर शुरू होगा।