सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए जनजागरूकता के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए ट्रॉमा रथ रवाना किया।
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सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए जागरूक करेगा एम्स का ट्रॉमा रथ

सप्ताह भर तक विभिन्न कॉलेजों और अस्पतालों में जाकर ट्राॅमा विभाग के हेल्थ केयर वर्कर लोगों को जागरूक करेंगे

ऋषिकेश। न्यूज लाइव ब्यूरो

सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए जनजागरूकता के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए ट्रॉमा रथ रवाना किया।

इस दौरान सप्ताह भर तक विभिन्न कॉलेजों और अस्पतालों में जाकर ट्राॅमा विभाग के हेल्थ केयर वर्कर लोगों को जागरूक करेंगे और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे।

रविवार को एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने हरी झंडी दिखाकर एम्स के ’ट्रॉमा रथ’ को रवाना किया। उन्होंने संस्थान के गेट नंबर 2 पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक साइकिल रैली को भी चीला के लिए रवाना किया।

उन्होंने कहा कि सड़कों पर वाहनों की अधिकता के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके लिए जरूरी है कि आम लोगों को इन दुर्घटनाओं को कम करने के प्रति जागरूक किया जाए और मृत्यु दर को कम करने के सभी उपायों पर अमल किया जाए

ट्राॅमा विभाग के हेड व वरिष्ठ ट्राॅमा सर्जन प्रो. कमर आजम ने बताया कि आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से ट्राॅमा रथ को विभिन्न क्षेत्रों के लिए रवाना किया गया है।

इस मौके पर कार्यक्रम के आयोजन सचिव डाॅ. नीरज कुमार, डाॅ. मधुर उनियाल, डाॅ. रूबी कटारिया ,ए.एन.एस महेश देवस्थले, अखिलेश उनियाल शशिकान्त, कादिर खान, मनोज, दिनेश लोहार सहित कई अन्य शामिल थे।

उधर, सोमवार को इस अभियान से संबंधित एक अन्य कार्यक्रम में एम्स के ट्राॅमा सेन्टर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि पंजाब नेशनल बैंक पशुलोक शाखा के प्रबन्धक यशकान्त बडोला के साथ यूके से आए डॉक्टर सेल्वा कुमार ने शिविर का उद्घाटन किया।

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शिविर में 30 से अधिक रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। ़

इस अवसर पर ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष डॉक्टर गीता नेगी, ट्रॉमा के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कमर आजम, डॉक्टर नीरज कुमार, डॉक्टर रूबी कटारिया, सीएनओ रीता शर्मा, डीएनएस कमलेश बैरवा, दिनेश लुहार, दीपेंद्र नेगी, वरुण, राम प्रसाद आदि मौजूद थे।

सोमवार को ही ट्राॅमा रथ डीएसबी स्कूल पहुंचा। यहां ट्राॅमा विशेषज्ञों ने स्कूली बच्चों को यातायात के नियमों की जानकारी देकर दुर्घटनाओं को कम करने के कई उपाय बताए।

बताया गया कि इस वर्ल्ड ट्राॅमा डे पर इस इस वर्ष की थीम वर्कप्लेस इंजरी प्रिवेन्शन एण्ड मैनजेमेन्ट है। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान एएनएस महेश देवेस्थले, शीला, राखी, उमराव, मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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