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अमेरिका जाएगा यूपी- बिहार का लंगड़ा, दसहरी आम, अनार भी होगा निर्यात

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लंगड़ा, चौसा, दसहरी, फजली सहित आम की अन्य किस्मों के निर्यात को मंजूरी मिल गई है। अनार का निर्यात अप्रैल, 2022 से शुरू होगा। वहीं, अमेरिका से चेरी और अल्फाल्फा सूखी घास का आयात अप्रैल, 2022 से शुरू हो जाएगा।

केंद्र सरकार ने नए सीजन में अमेरिका के लिए भारतीय आमों के निर्यात के लिए यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर United States Department of Agriculture -USDA  से मंजूरी प्राप्त कर ली है। अमेरिका के उपभोक्ता अब भारत के उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले आमों का स्वाद ले सकेंगे।

भारतीय आमों के निर्यात पर अमेरिका ने 2020 से ही प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि यूएसडीए के निरीक्षक कोविड-19 महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण विकिरण (इरेडिएशन) सुविधा के निरीक्षण के लिए भारत के दौरे पर आने में असमर्थ हो गए थे।

अभी हाल में, 23 नवंबर, 2021 को आयोजित 12वीं-अमेरिकी व्यापार नीति फोरम American Trade Policy Forum-TPF की बैठक के अनुसार कृषि तथा किसान कल्याण विभाग और यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) ने 2 बनाम 2 कृषि बाजार पहुंच मुद्दों को कार्यान्वित करने के लिए एक संरचना समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

इस समझौते के तहत, भारत और अमेरिका भारत के आमों तथा अनारों के अमेरिका को निर्यात के लिए विकिरण तथा अमेरिका से चेरी और अल्फाल्फा सूखी घास के आयात पर संयुक्त प्रोटोकॉल का अनुसरण करेंगे।

परस्पर समझौते के हिस्से के रूप में, भारत मार्च के बाद से आमों की अल्फांसों किस्म के साथ शुरू करते हुए अमेरिका में आमों का निर्यात करने में सक्षम हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में भारतीय आमों की व्यापक स्वीकृति और उपभोक्ता वरीयता है। भारत ने 2017-18 में अमेरिका को 800 मीट्रिक टन (एमटी) आमों का निर्यात किया था और इन फलों का निर्यात मूल्य 2.75 मिलियन डॉलर था।

इसी प्रकार, 2018-19 में अमेरिका को 3.63 मिलियन डॉलर के बराबर के 951 एमटी आम का निर्यात किया गया था, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में अमेरिका को 4.35 मिलियन डॉलर के बराबर के 1,095 एमटी आमों का निर्यात किया गया था।

आकलन के अनुसार, 2022 में आमों का निर्यात 2019-20 के आंकडों की तुलना में अधिक हो सकता है।

यूएसडीए की मंजूरी महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना जैसे पारंपरिक आम उगाए जाने वाले क्षेत्रों से निर्यात के लिए रास्ता प्रशस्त कर देगी।

कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण The Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority – APEDA का कहना है, यह उत्तर तथा पूर्व भारत के क्षेत्रों से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लंगड़ा, चौसा, दसहरी, फजली आदि आमों की अन्य स्वादिष्ट किस्मों के निर्यात के लिए भी अवसर उपलब्ध कराएगा। अनार का निर्यात अप्रैल, 2022 से शुरू होगा। अमेरिका से चेरी और अल्फाल्फा सूखी घास का आयात अप्रैल, 2022 से शुरू होगा।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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