हरियाली अमावस्या का त्योहार सावन महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशी में मनाया जाता है। हरियाली अमावस पर पीपल के वृक्ष की पूजा एवं फेरे किए जाते हैं तथा मालपूए का भोग बनाकर चढ़ाए जाने की परम्परा है। हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण का अधिक महत्व है।
अगर आपने जीवन के कष्टों से परेशान हो गए हैं और अब उनसे निजात पाना चाहते हैं तो हरियाली आमवस्या की शाम को किए गए कुछ उपाय आपको आपके कष्टों से निजात दिला सकते हैं और आपकी सारी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो सकती हैं।
सूर्यास्त के बाद खीर बनाकर भगवान शिव को भोग लगाकर गरीबों में बांट दें। रात को घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ दीपक प्रज्ज्वलित करें। शाम 5 बजे के बाद हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाकर श्री राम के ध्यान मंत्र का जाप करें- ‘ऊँ आपदामम हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,लोकाभिरामं श्री रामं भूयो नामाम्यहम! श्री रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे,रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नम:!’। काले कुत्ते को सरसों का तेल लगाकर रोटी खिलाएं तुलसी के पास दीपक जलाएं।