FeaturedInspirational story

कभी झूठ नहीं बोलने वाले की परीक्षा

एक बार अफ्रीका के किसी गांव में एक बुद्धिमान व्यक्ति रहता था। वह कभी झूठ नहीं बोलता था और न ही उसने पहले कभी झूठ बोला था। यह बात वहां रहने वाले सभी लोग जानते थे। एक बार वहां के राजा ने उसके बारे में सुना और अपने सेवकों को आदेश दिया कि उस व्यक्ति को मेरे सामने पेश किया जाए।

वह व्यक्ति राजा के सामने पेश हुआ। राजा ने उससे पूछा, मैंने सुना है तुम झूठ नहीं बोलते, क्या यह बात सही है। उस व्यक्ति ने कहा, जी यह बात सही है। मैं कभी झूठ नहीं बोलता। मैं कभी झूठ नहीं बोलूंगा और न ही कभी झूठ बोला है। ऐसा मेरा यकीन है। राजा ने कहा, यह अच्छी बात है, लेकिन ध्यान रहे। झूठ बहुत चालाक होता है और आसानी से जीभ पर आ जाता है।

इस बात को कई दिन बीत गए। राजा ने एक बार फिर उस व्यक्ति को बुलाया। राजा के सैनिक ने घोड़े की लगाम संभाल रखी थी। राजा का बायां पैर रकाब (घोड़े पर बैठते समय पैर रखने वाला कुंडा) पर था। जबकि दायां पैर जमीन पर था। राजा के पास काफी लोगों की भीड़ थी। राजा ने उस व्यक्ति से कहा कि मैं शिकार पर जा रहा हूं। तुम मेरे ग्रीष्मकालीन महल में जाओ और रानी को बताओ कि मैं उनके साथ दोपहर का भोजन करूंगा। उनसे एक बड़ी दावत की तैयारी करने के लिए कहो। तुम भी मेरे साथ खाना खाओगे।

इस पर वह व्यक्ति दौड़ता हुआ रानी के पास पहुंचा। उसके वहां से चले जाने के बाद राजा हंसने लगा। राजा ने अपने सेनापति से कहा, देखना अब यह झूठ बोलेगा। क्योंकि मैं शिकार पर नहीं जा रहा हूं। न ही मुझे रानी के साथ दोपहर का भोजन करना है। राजा ने कहा, कल सबको मालूम हो जाएगा कि कभी झूठ नहीं बोलने वाला व्यक्ति भी झूठ बोल गया। राजा के साथ उनके सेनापति और अन्य दरबारी हंसने लगे।

वह बुद्धिमान व्यक्ति महल में पहुंचा और रानी से कहा, हो सकता है कि आपको दोपहर के भोजन के लिए एक बड़ी दावत की तैयारी करनी पड़े। यह भी हो सकता है कि आपको दावत की तैयारी नहीं करनी पड़े। राजा दोपहर के भोजन के लिए आपके पास आएंगे या यह भी हो सकता है कि राजा यहां नहीं आएंगे। रानी ने पूछा, सही- सही बताओ, कहना क्या चाहते हो। राजा यहां आएंगे या नहीं।

इस पर बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा कि मुझे सही अंदाजा नहीं है। राजा ने अपना बायां पैर रकाब पर रखा था और उनका दाहिना पैर जमीन पर था। इसलिए मुझे अंदाजा नहीं हो सका कि राजा शिकार पर जाएंगे या नहीं। वहां मैंने देखा था कि सब लोग राजा का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में मुझे लगा था कि राजा कहीं से आए थे। वह कहीं जा नहीं रहे थे।

दूसरे दिन राजा ने उस व्यक्ति को बुलाया और पूछा कि क्या तुमने कल झूठ नहीं बोला। मैं तो शिकार पर नहीं गया था। इस पर उस व्यक्ति ने पूरी बात बता दी, जो उसने रानी से कही था। उसने एक-एक शब्द बता दिया, जो रानी से कहा था। इस पर राजा को एहसास हुआ कि बुद्धिमान व्यक्ति कभी झूठ नहीं बोलता। वह केवल वही कहता है, जो वह अपनी आंखों से देखता है। (African folktales)

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button