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संसद में स्थापित होगी हवा में वायरस का संचरण रोकने वाली प्रणाली

नई दिल्ली। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय , कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस महीने की 19 तारीख को संसद के आगामी सत्र की पूर्व संध्या पर, संसद भवन में नवीनतम यूवी-सी कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी स्थापित करने के तौर-तरीकों पर वैज्ञानिक विशेषज्ञों के साथ चर्चा की।

इस प्रौद्योगिकी को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने विकसित किया है।

उन्होंने बताया कि शुरू में सार्स-सीओवी-2 के हवा में संचरण को कम करने के लिए बनाई गई तकनीक को सेंट्रल हॉल, लोकसभा कक्ष और समिति कक्ष (कमेटी रूम) 62 और 63 में स्थापित किया जाएगा।

साथ ही,  यह भी कहा कि इस कीटाणुशोधन तकनीक की स्थापना के बाद भी, सभी को कोविड उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें फेस मास्क का उपयोग, उचित सुरक्षित दूरी बनाए रखना और भीड़ से बचना आदि शामिल हैं।

सीएसआईआर-सीएसआईओ ने यूवी-सी एयर डक्ट विसंक्रमण प्रणाली (डिसइन्फेक्शन सिस्टम) को विकसित किया है। कीटाणुशोधन प्रणाली का उपयोग सभागारों, बड़े सम्मेलन कक्षों, कक्षा-कक्षों, मॉल आदि में किया जा सकता है, जो वर्तमान महामारी में कक्ष के अंदर की (इनडोर) गतिविधियों के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है। इसका उपयोग भवनों, परिवहन वाहनों आदि में भी किया जा सकता है।

प्रौद्योगिकी को आवश्यक वायु प्रसरण (वेंटिलेशन) उपायों, आवश्यक सुरक्षा और उपयोगकर्ता दिशानिर्देशों और परीक्षण किए गए जैव-सुरक्षा मानकों आदि के साथ एक एरोसोल में निहित सार्स-सीओवी-2 वायरस को निष्क्रिय करने की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया गया है।

यूवी-सी 254एनएम अल्ट्रा वायलेट (यूवी) प्रकाश का उपयोग करके उपयुक्त खुराक के साथ जैव-एरोसोल आदि का उपयोग करके वायरस, बैक्टीरिया, कवक और अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं को निष्क्रिय करता है।

यूवी-सी का उपयोग महामारी की वर्तमान लहर के दौरान देखे जा रहे फंगल संक्रमण को कम करने में भी मदद कर सकता है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) मुख्यालय में देशभर के वैज्ञानिकों के अर्ध-आभासी सम्मेलन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने वैज्ञानिक खोजों में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के योगदान का उल्लेख किया। वैज्ञानिकों से आम आदमी के दैनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संगठन की भूमिका को बताने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि परिषद को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर एक अद्वितीय दर्जा प्राप्त है।

Keywords:- Mitigation of Airborne Transmission of SARS-COV-2, Parliament House, Union Minister of State (Independent Charge) Science & Technology, Union Minister Dr. Jitendra Singh, SARS-COV-2, CSIR-CSIO, Council of Scientific and Industrial Research(CSIR)  

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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