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समझदार बकरी

दो बकरियां थीं। वो एक पुल के पास रहती थीं। पुल बहुत संकरा था। पुल से एक समय में एक ही बकरी पार हो सकती थी। दोनों बकरियां पुल से नदी पार करती रहती थीं। एक दिन दोनों एक ही समय में पुल पार करने के लिए पहुंचीं। पुल पर दोनों आमने सामने थीं। पुल इतना चौड़ा नहीं था कि दोनों एक बार में पार हो सकें।

एक बकरी ने दूसरी से कहा, तुम पीछे चली जाओ। मुझे उस पार जाना है। दूसरी बकरी बोली, मैं क्यों पीछे जाऊं, तुम क्यों नहीं पीछे हो जाती। कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्या। पहली बकरी ने कहा, मैं तुम्हारा कहना क्यों मानूं। बेहतर होगा कि तुम पीछे हो जाओ, जब मैं पुल पार कर लूं, तुम चली जाना। दूसरी बकरी ने कहा, तुम कुछ देर इंतजार नहीं कर सकती क्या।

पहली बकरी ने कहा, मुझे क्यों वापस जाना चाहिए। दूसरी बकरी ने जवाब दिया, मैं तुमसे ज्यादा ताकतवर हूं, इसलिए पीछे हट जाओ। पहली बकरी ने कहा- तुम नहीं, मैं ज्यादा ताकतवर हूं। अपने सींगों को आगे करते हुए उसने कहा, तुम नहीं मानोगी, चलो तैयार हो जाओ लड़ने के लिए। जो जीतेगा, वही पहले पुल पार करेगा। इस पर दूसरी बकरी ने कहा, मैं तुमसे ज्यादा ताकतवर हूं दिमागी तौर पर। मैं तुमसे ज्यादा बुद्धिमान हूं। मैं पुल पर लेट जाती हूं, तुम मेरे ऊपर से होकर पुल पार कर लो। पहली बकरी को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह बोली, मैं लेट जाती हूं, तुम मेरे ऊपर से होते हुए पुल पार कर लो। इस तरह दोनों की सहमति बन गई और दोनों को पुल पार करने में सफलता मिल गई।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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