बीमार ऊंट और रिश्तेदार
एक ऊंट था, जो बीमार पड़ गया। वह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से दूर नखलिस्तान में रहता था। नखलिस्तान मतलब रेगिस्तान का ऐसा हिस्सा, जहां पानी और हरियाली हो। सूचना मिलन पर दोस्त और रिश्तेदार उससे मिलने के लिए नखलिस्तान पहुंचे। वो बहुत सारे थे और दूर से उसका हाल जानने के लिए आ रहे थे।
लंबी दूरी तय करने की वजह से वो थक गए थे और भूख प्यास भी लग रही थी। उन्होंने नखलिस्तान में उगी हरी घास खाकर अपनी भूख मिटाई। ऊंट को यह जानकार बड़ी खुशी हुई कि उससे मिलने के लिए बहुत सारे दोस्त और रिश्तेदार पहुंचे हैं। सभी उससे मिलकर चले गए।
ऊंट का स्वास्थ्य पहले से कुछ बेहतर हुआ तो वह भोजन के लिए आसपास गया। उसने देखा कि वहां की हरी घास तो पहले से ही कोई चर चुका है। उसे समझते देर नहीं लगी कि उसका हाल जानने आए उसके शुभचिंतकों ने ही घास का मैदान खाली कर दिया। उसे बड़ा दुख हुआ, लेकिन वह कर भी क्या सकता था। उसने बची खुची घास खाकर अपनी भूख मिटाई। उसको दूसरे नखलिस्तान का इंतजार करना पड़ा।