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देहरादून- हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर होगा सेवाओं में बड़ा सुधार

देहरादून। रेल प्रशासन ने देहरादून और हरिद्वार सहित सभी बड़े रेलवे स्टेशनों पर स्टेशन निदेशकों की नियुक्ति का फैसला लिया है। रेल मंत्री के निर्देश पर इन रेलवे स्टेशनों पर युवा, प्रतिभाशाली और ऊर्जावान अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इन अधिकारियों का चुनाव रेलवे की परिचालन सेवाओं से स्क्रीनिंग और जांच के बाद किया जाएगा।

इन अफसरों को समन्वय व सार्वजनिक व्यवहार के संबंध में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्रालय ने ए 1 श्रेणी के 75स्टेशनों में स्टेशन निदेशक के पदों का सृजन किया है। स्टेशन निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि स्टेशन ग्राहकों के लिए उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में कार्य करें।

इसके अलावा उच्च व्यावसायिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए पूरी सतर्कता के साथ उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करना सुनिश्चित किया जाएगा। स्टेशन निदेशक और उनकी टीम के कार्य इस प्रकार हैं- ग्राहकों को शीघ्रता व विनम्रता के साथ समस्यामुक्त सेवा प्रदान करना। स्टेशन और स्थिर ट्रेनों पर उचित स्वच्छता और साफ-सफाई कराना। टिकट खिड़की और आरक्षण कार्यालय में कुशलतापूर्वक कार्य कराना।

स्टेशन पर रेलगाड़ियों के समय की पाबंदी, प्लेटफार्म पर रेल का सही समय पर आगमन और प्रस्थान, स्टेशन पर सभी यात्री सुविधाओं का उचित रखरखाव, यात्री पूछताछ प्रणाली और प्रदर्शन बोर्ड का उचित रखरखाव, पार्सल कार्यालय से कुशलता व पारदर्शिता के साथ ग्राहक को सेवा उपलब्ध कराना, स्टेशन पर खानपान व अन्य स्टालों की निगरानी कराना, शिकायत का तत्काल निवारण, यात्रियों की सुरक्षा तथा स्टेशन को ग्राहक के लिए एक उत्कृष्ट सेवा केंद्र बनाने के लिए कोई भी अन्य सेवा, सुविधा उपलब्ध कराना।

इन कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए स्टेशन निदेशकों को रेलवे की विभिन्न विभागीय टीमों का सहयोग मिलेगा। ‘यातायात सुविधा’ और ‘यात्री सुविधा’ से संबंधित निर्णय लेने की प्रक्रिया में स्टेशन निदेशकों को शामिल किया जाएगा।

गैर-किराया मद से आमदनी के तहत स्टेशन के व्यावसायिक इस्तेमाल सेसंबंधित निर्णयों में स्टेशन निदेशक का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए स्टेशन निदेशक अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। ए 1 श्रेणी के कुछ स्टेशन हैं- नई दिल्ली, देहरादून, हावड़ा, सीएसटी मुंबई, विशाखापट्टनम, मुगल सरायजंक्शन, आगरा कैंट, न्यू जलपाईगुड़ी, जोधपुर, खड़गपुर, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई सेंट्रल, बैंगलोर सिटी, हैदराबाद आदि। अन्य रेलवे स्टेशनों की लिस्ट, जहां होगी निदेशकों की नियुक्ति

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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