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दिव्यांगजनों के लिए सीएम ने कीं कई घोषणाएं

विश्व दिव्यांग दिवस पर राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस पर समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार समारोह में दिव्यांगजनों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने 32 दिव्यांगजनों को प्रशस्ति पत्र, मेडल, मान पत्र एवं ₹5-5 हजार की धनराशि से सम्मानित किया, इनमें दस उत्कृष्ट दिव्यांग कर्मचारी, 11 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 10 स्वतः रोजगार करने वाले दिव्यांगजनों तथा एक सेवायोजक अधिकारी शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, उनके सेवायोजकों, स्वतः रोजगार में रत दिव्यांग व्यक्तियों एवं सेवायोजक अधिकारियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली धनराशि ₹5 हजार से बढ़ाकर ₹8 हजार की जाएगी।

दिव्यांगजनों को विभिन्न सहायक यंत्र/उपकरण के लिए कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि ₹3500 से बढ़ाकर ₹7000 की जाएगी।

वृद्धावस्था पेंशन योजना की तरह ही दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करते हुए ऐसे समस्त दिव्यांग भी पेंशन के पात्र होंगे, जिनके पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हों।

दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में 05 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ वर्ष 2022-23 में ₹155 करोड़ का प्राविधान किया है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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