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PHOTO- बदरीनाथ धाम में बर्फबारी का नजारा

बदरीनाथ से नितिन सेमवाल की रिपोर्ट

सीमा सड़क संगठन ( बीआरओ) ने श्री बदरीनाथ धाम तक सड़क खोल दी है। इन दिनों श्री बद्रीशपुरी बर्फ से लकदक है। अलकनंदा नदी का बहाव भी हिमांक से नीचे होने के कारण जमा हुआ है, जिससे अलकनंदा नदी का जलस्तर घटा हुआ है। सबसे अधिक बर्फीले ग्लेशियर कंचनजंगा से बदरीनाथ पुरी तक और रणांग बैंड पर है। बदरीनाथ हाईवे के दोनों ओर बहने वाले नाले जमे हुए हैं। शाम को यहां का तापमान माइनस 2 से माइनस 10 ड़िग्री सेल्सियस तक चला जाता है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट छह मई को खुलेंगे।

मंदिर का पहुँच मार्ग बर्फ से ढका हुआ

सीमा सड़क संगठन ने रोड खोल दी है।

आजकल बर्फ से ढकी मुख्य सड़क

 

श्री बद्रीनाथ एवं नीलकंठ के बीच का दृश्य

 

बद्रीश वैली – एक प्रमुख चारधाम
बामणी गाँव का बर्फ से लकदक नजारा

 

वर्तमान में श्री बद्रीनाथ जी का मंदिर

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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