भारत ने ज्ञान और विज्ञान में प्रगति की, पाकिस्तान ने आतंक दियाः सुषमा स्वराज
संयुक्त राष्ट्र संघ। संयुक्त राष्ट्र संघ में पकिस्तान को आतंकवाद पर फटकारते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आज़ादी दोनों देशों को साथ मिली थी, लेकिन भारत ने ज्ञान,विज्ञान,शिक्षा, तकनीक सहित अनेक क्षेत्रों में प्रगति की, लेकिन पकिस्तान ने केवल आतंकवाद को फैलाया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबी को दूर करना टिकाऊ विकास का पहला लक्ष्य है। ‘हमारे लिए यह गर्व और प्रसन्नता का विषय है कि हम विदेशमंत्रियों में से एक विदेश मंत्री आज इस उच्च आसन के लिए चुना गया है।’ नोटबंदी भ्रष्टाचार से उपजे -‘कालेधन’ को चुनौती देने की दिशा में उठाया गया साहसिक फैसला था।
सुषमा ने पाकिस्तानी नेताओं से कहा कि वे इस पर आत्ममंथन करें कि भारत क्यों वैश्विक आईटी महाशक्ति के तौर पर जाना जाता है और पाकिस्तान की पहचान ‘आतंकवाद के निर्यात के कारखाने’ की है। स्वराज ने कहा कि भारत ने आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थान बनाए, जबकि पाकिस्तान ने एलईटी, जेईएम, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी गुट तैयार किए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानव जाति के अस्तित्व पर खतरे जैसा है।
सुषमा ने कहा ‘इस एक वर्ष के अंतराल में संयुक्त राष्ट्र में और दुनिया में अनेक परिवर्तन हुए हैं। आज का विश्व कई समस्याओं से ग्रस्त है, हिंसा कि घटनाएं बढ़ रही हैं, आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं ,बेरोजगारी से त्रस्त युवा अधीर हो रहा है , परमाणु प्रसार सिर उठा रहा है और साइबर सुरक्षा का भी खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि 2015 में 2030 तक के लिए हमने लक्ष्य तय किया था जिसमें से दो वर्ष बीत गए हैं। हमें अगर लक्ष्य को पाना है तो हमें कठोर निर्णय लेने होंगे, गरीबी को दूर करना टिकाऊ विकास का पहला लक्ष्य है। संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज ने बताया ‘हमारी सभी योजनाएं गरीबों को शक्तिशाली बनाने के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 70 फीसदी से ज्यादा कर्ज महिलाओं को दिया गया है। उज्जवला योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त में गैस का सिलिंडर दिया जा रहा है। 30 करोड़ लोगों को मिशन मोड से बैंक से जोड़ने का काम किया गया। जिनके पास पैसा नहीं था उनका जीरो बैलेंस से एकाउंट खोला गया। ‘
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। सुषमा ने टिलरसन से मुलाकात में आतंकवाद तथा एच1बी वीजा के मुद्दे को उठाया।