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Uttarakhand: सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंचाए सूचना विभागः अभिनव

मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने सूचना अधिकारियों की बैठक

देहरादून। विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार ने रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में सूचना विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को विभिन्न माध्यमों से जन-जन तक पहुँचाने के निर्देश दिए।
विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार ने कहा, समाज के अन्तिम पंक्ति पर खड़े लोगों को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले। इसके लिए प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के अलावा अन्य माध्यमों से भी विभिन्न योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जाए।
उन्होंने कहा कि सूचनाओं के आदान-प्रदान में आधुनिक तकनीक एवं बेहतर लोक सम्पर्क के लिए जिला सूचना अधिकारियों एवं सूचना अधिकारियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार की योजनाओं के व्यापक-प्रचार प्रसार के लिए सभी विभागों से समन्वय बनाए रखें।
विशेष प्रमुख सचिव ने कहा कि #CharDhamYatra के दृष्टिगत सरकार की विभिन्न व्यवस्थाओं एवं श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए।
महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि विभाग सरकार की योजनाओं एवं राज्य के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारियां विभिन्न माध्यमों से प्रसारित कर रहा है। प्रमुख योजनाओं का आम जन को लाभ मिले, इसके लिए लघु फिल्में भी बनाई गई हैं। बैठक में संयुक्त निदेशक सूचना आशीष त्रिपाठी, केएस चौहान, उप निदेशक मनोज श्रीवास्तव, रवि बिजारनियां सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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