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देहरादून में रिस्पना से ऋषिपर्णा मुहिम शुरू

देहरादून। देहरादून में रिस्पना नदी के पुनर्जीवन के लिए रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान सोमवार को शुरू हो गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऋषिपर्णा नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि सरकार ने देहरादून में ऋषिपर्णा नदी और अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण का संकल्प लिया है। इसका आज से अभियान शुरू किया जा रहा है।

उन्होंने नदियों के पुनर्जीवीकरण में जन-जन की भागीदारी की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि प्रदेश की नदियों का पुनर्जीवीकरण किया जाए। यूसर्क के वैज्ञानिक दुर्गेश पंत व ईको टास्क फोर्स के कर्नल आरएचएस राणा के सहयोग से जूनियर ईको टास्क फोर्स का गठन किया गया। इसमें विद्यार्थियों और युवाओं को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिपर्णा के आठ स्रोतों को चिन्हित करके अभियान में शामिल किया गया है। देहरादून की जनसंख्या दोगनी हो गई है, लेकिन पानी का डिस्चार्ज आधा रह गया है। विश्वभर के वैज्ञानिक पानी के लिए चिन्तित हैं। उनकी आशंका है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा।आप भी शामिल हों, रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान में

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने 11 नदियों को पुनर्जीवित किया है, जिसमें सरकार से कोई मदद नहीं ली गई। ग्रामीणों का विज्ञान इसमें जोड़ा गया है। हर किसी को यह लगना चाहिए कि ऋषिपर्णा नदी का पुनर्जीवीकरण ही मेरा सपना है। जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि नदियों का पुनर्जीवीकरण संस्कृति, प्रकृति, प्यार एवं सम्मान के साथ करना होगा। हमें संकल्प लेना होगा कि उत्तराखंड की नदियों का पुनर्जीवीकरण हम मिलकर करेंगे।

परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द मुनि ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा की यात्रा में परमार्थ निकेतन हमेशा साथ देगा। आवश्यक पौधारोपण के लिए पौधों की व्यवस्था परमार्थ निकेतन करेगा। परमार्थ निकेतन ने एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की। कर्नल आरएचएस राणा ने आश्वासन दिया कि नदियों के पुनर्जीवीकरण के कार्य में ईको टास्क फोर्स पूर्ण रूप से सहयोग करेगी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कहा कि विश्व की सभी मानव सभ्यताओं का नदियों के साथ गहरा सम्बन्ध रहा है। नदियों को बचाना कोई सरकारी योजना नहीं है, यह जनसामान्य की योजना है।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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