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उत्तराखंड चुनावः रणजीत रावत, संजीव आर्य हारे, रणजीत ने रामनगर सीट पर हरीश रावत का विरोध किया था

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सल्ट सीट पर भाजपा के महेश जीना विजय हुए, उन्होंने कांग्रेस के रणजीत सिंह रावत को हराया। रणजीत रावत ने ही रामनगर सीट पर हरीश रावत को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया था। उनके विरोध के बाद रावत को लालकुआं सीट पर प्रत्याशी घोषित किया गया था। पर, रणजीत रावत को भी रामनगर सीट से टिकट नहीं मिला था, उनको सल्ट सीट पर भेज दिया गया, जहां वो चुनाव हार गए।

वहीं कांग्रेस नेता आर्येंद्र शर्मा भी सहसपुर सीट पर चुनाव हार गए हैं, उनको भाजपा के सहदेव सिंह पुंडीर ने हराया। सहदेव इस सीट पर पहले से विधायक है।

उधऱ, सितारगंज सीट पर भाजपा के सौरभ बहुगुणा चुनाव जीत गए। सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के सुपुत्र हैं।

नैनीताल सीट पर कांग्रेस के संजीव आर्य चुनाव हार गए हैं। संजीव को भाजपा की सरिता आर्य ने हराया है। संजीव इस सीट पर भाजपा के टिकट पर विधायक थे। चुनाव से पहले उन्होंने अपने पिता पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। उनके कांग्रेस में आने पर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने भाजपा ज्वाइन कर ली। भाजपा ने उनको नैनीताल सीट पर प्रत्याशी घोषित किया। सरिता आर्य चुनाव जीत गईं।

Uttarakhand
Result Status

Status Known For 70 out of 70 Constituencies
Constituency Const. No. Leading Candidate Leading Party Trailing Candidate Trailing Party Margin Status
Sahaspur 17 SAHDEV SINGH PUNDIR
Bharatiya Janata Party i
ARYENDRA SHARMA
Indian National Congress i
8355 Result Declared
Salt 49 Mahesh Jeena
Bharatiya Janata Party i
RANJEET SINGH RAWAT
Indian National Congress i
3688 Result Declared
Sitarganj 68 Saurabh Bahuguna
Bharatiya Janata Party i
Navtej Pal Singh
Indian National Congress i
10938 Result Declared
Nainital 58 Sarita Arya
Bharatiya Janata Party i
Sanjeev Arya
Indian National Congress i
7881 Result Declared

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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