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Public Transport in Uttarakhand Part- 3

पांच साल में हर परिवार पर होगी अपनी कार

यही स्पीड रही तो उत्तराखंड में रोजाना बिकेंगी डेढ़ सौ से ज्यादा कार

अगर यही स्पीड रही तो उत्तराखंड में कारों और बाइकों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा रोजाना 155 कार और 756 बाइक तक पहुंच सकता है। यह आंकड़ा कारों के नौ और बाइकों की संख्या में 13 फीसदी वृद्धि दर के अनुमान से है। यह डाटा केवल निजी इस्तेमाल के लिए खरीदी जाने वाली कारों, जीपों और बाइक का है। हालांकि इससे पहले 2013-14 में कारों की खरीदारी पिछले साल से कम हुई थी। वहीं पब्लिक का ट्रांसपोर्ट टैक्सी मैक्सी के आंकड़े में लगातार गिरावट दर्ज होते हुए राज्यभर में रोजाना का रजिस्ट्रेशन में पांच तक पहुंच सकता है।

पांच साल बाद का अनुमानित हाल

  • 2019-2020  में 13 फीसदी रजिस्ट्रेशन दर के हिसाब से राज्य में 276244 बाइक हो सकती हैं रजिस्टर्ड। इस हिसाब से रोजाना बिक्री का आंकड़ा 756 तक पहुंच जाएगा।
  •  2019-2020  में 09 फीसदी रजिस्ट्रेशन दर के हिसाब से राज्य में   56767   कार जीप हो सकती हैं रजिस्टर्ड। इस हिसाब से रोजाना बिक्री का आंकड़ा 155 तक पहुंच जाएगा।
  • 2019-2020  में 07 फीसदी रजिस्ट्रेशन दर के हिसाब से राज्य में   2127  टैक्सी मैक्सी हो सकती हैं रजिस्टर्ड। इस हिसाब से रोजाना बिक्री का आंकड़ा मात्र पांच तक पहुंच जाएगा।

    रजिस्ट्रेशन और राजस्व

  • 13 फीसदी बढ़ी बाइकों का रजिस्ट्रेशन 2014 से 2015 के बीच
  • 09 फीसदी वृद्धि हुई प्राइवेट कारों और जीपों के रजिस्ट्रेशन में 2014 से 2015 के बीच
  • 07 फीसदी घटी सार्वजनिक परिवहन के लिए गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन (आटो टैंपों की संख्या डबल हो गई)

घर में गाड़ियों का गणित

  • 06 घरों पर एक कार उत्तराखंड में
  • 01 से ज्यादा बाइक है एक घर में(अनुमानित आंकड़े 2011 की जनगणना और परिवहन विभाग के डाटा के आधार पर)

 

  • न्यूज लाइव रिपोर्ट

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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