educationFeatured

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं को लेकर डीएम ने दिए ये निर्देश

देहरादून जिले में 125 परीक्षा केंद्र, पुलिस करेगी परीक्षा केंद्रों के पास गश्त

देहरादून। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की 27 फरवरी से शुरू होने वाली दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर जरूरी व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी सोनिका ने अफसरों को निर्देशित किया।

श्री गुरु राम राय लक्ष्मण इंटर कॉलेज, पथरी बाग में हुई बैठक में डीएम ने देहरादून के 125 परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापकों व कस्टोडियन को बोर्ड परीक्षाओं की शुचिता एवं गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश दिए ।

जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि परीक्षा केंद्रों के पास यातायात व्यवस्था नियंत्रित करें, ताकि छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में असुविधा न हो। साथ ही, उपजिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षक नगर को परीक्षा केंद्रों के निकटवर्ती क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की रैलियां एवं प्रदर्शन करने की अनुमति कदापि नहीं दिए जाने निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को प्रत्येक परीक्षा केंद्र, विशेषकर संवेदनशील केंद्रों पर पुलिस बल तैनात करने और समय समय पर परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करने के साथ ही रात्रि गश्त के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा, संबंधित केन्द्र व्यवस्थापक एवं कस्टोडियन जिला प्रशासन एवं अपने उच्च स्तरीय शिक्षा अधिकारी एवं बोर्ड कार्यालय से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर डबल लॉक आलमारी की व्यवस्था करने के साथ ही रात्रि चौकीदार की व्यवस्था एवं परीक्षा तिथि को प्रश्नपत्र के लिफाफे खोलने में पूर्ण सावधानी बरतने को कहा।

बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, उप जिलाधिकारी मसूरी दीपक सैनी, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि गोस्वामी, उप जिलाधिकारी डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, विकासनगर विनोद कुमार, चकराता योगेश सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप सिंह रावत, बीईओ मंजू भारती, हेमलता गौड़, कुन्दन सिंह, भुवनेश्वर जदली, विनीता कठैत, प्रधानाचार्य राकेश मोहन डबराल आदि उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button