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हरकी पैड़ी पर अविरल गंगाः मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में अखाड़ा परिषद के साथ हरिद्वार कुंभ 2021 की तैयारियों की बैठक से पहले कहा कि हरकी पैड़ी को स्कैप चैनल से मुक्त रखा जाएगा। हरकी पैड़ी का अविरल गंगा का दर्जा बरकार रखा जाएगा। इसके लिए जल्द नया शासनादेश जारी किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से गंगा सभा एवं जनता हरकी पैड़ी क्षेत्र को स्कैप चैनल से मुक्त रखने की मांग कर रहे थे। यह क्षेत्र आस्था एवं विश्वास का प्रतीक है। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में अखाड़ा परिषद के साथ हरिद्वार कुम्भ 2021 की तैयारियों के संबध में बैठक में कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य एवं भव्य स्वरूप में होगा। कुंभ की परम्परा एवं संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा। कोविड के कारण कुछ व्यावहारिक समस्याएं आई हैं। कुम्भ शुरू होने पर कोविड की स्थिति कैसी रहती है, उसके अनुसार कुंभ के स्वरूप को विस्तार दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में परिस्थितियों के हिसाब से जो भी निर्णय लिये जाएंगे, उसमें अखाड़ा परिषद एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर लिए जाएंगे। राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कुंभ के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है, जो कार्य अभी प्रगति पर हैं, उन्हें जल्द पूर्ण करने के लिए संबंधित विभागीय सचिवों को नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव को भी 15 दिन में कुभ मेले की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने मेलाधिकारी से कार्यों की प्रगति की जानकारी भी ली। निर्देश दिए कि कुंभ प्रारम्भ होने से पूर्व सभी स्थाई प्रकृति के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर शासन के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए। स्वच्छता, अतिक्रमण हटाने, पार्किंग स्थलों की सुचारू व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। कोविड को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं कर ली जाएं।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अखाड़ा परिषद एवं संत समाज का पूरा सहयोग लिया जाएगा। अखाड़ों की समस्याओं का हरसंभव निदान करने का प्रयास किया जाएगा। कुंभ में श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सुव्यवस्थित रणनीति बनाई जाएगी। माँ गंगा के आशीर्वाद से हरिद्वार कुंभ का भव्य आयोजन किया जाएगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। कोविड की परिस्थितियों के दृष्टिगत सरकार द्वारा कुंभ के स्वरूप के लिए जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसमें पूरा सहयोग दिया जाएगा।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि 15 दिसंबर 2020 तक स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्ण हो जाएंगे। 31 दिसम्बर 2020 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। इस बार कुंभ के लिए बनाये जा रहे 09 नये घाटों, 08 पुलों व सड़कों का कार्य पूर्णता की ओर हैं। सवच्छता पर विशेष बल दिया जा रहा है। पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएंगी।
इस अवसर पर महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महन्त हरि गिरी जी, महन्त प्रेम गिरी, महन्त सत्यगिरी, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, महन्त रवीन्द्र पुरी, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा आदि उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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