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नारी शक्ति पुरस्कार के लिए नामांकन आमंत्रित, 31 जनवरी अंतिम तिथि

नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने “नारी शक्ति पुरस्कार-2021” के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। आवेदन/नामांकन केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे और www.awards.gov.in पोर्टल पर भरे जा सकते हैं।
आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालीं महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च, 2022) के अवसर पर नारी शक्ति पुरस्कार-2021 से सम्मानित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यह सम्मान प्रदान करता है।
वर्ष 2021 के नारी शक्ति पुरस्कार के लिए 31 जनवरी, 2022 तक प्राप्त सभी आवेदनों/नामांकनों पर विचार किया जाएगा। नारी शक्ति पुरस्कार के लिए पात्रता मानदंड और अन्य विवरण के संबंध में दिशानिर्देश https://wcd.nic.in/acts/guidelines-nari-shakti-puraskar-2021-onwards पर दिए गए हैं।
महिला और बाल विकास मंत्रालय हर साल व्यक्तियों और संस्थानों को महिला सशक्तिकरण, विशेष रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाली महिलाओं के लिए इनकी सेवा के सम्मान में नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान करता है। प्रत्येक विजेता को पुरस्कार में रूप में प्रमाणपत्र और दो लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है।
पुरस्कार सभी व्यक्तियों और संस्थानों के लिए खुले हैं। पुरस्कारों की अधिकतम संख्या (व्यक्तिगत और संस्थागत सहित) 15 हो सकती है। हालांकि, अधिकतम संख्या में किसी प्रकार की छूट की अनुमति महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति के विवेक पर दी जा सकती है।
पुरस्कारों के लिए स्व-नामांकन और सिफारिशों पर भी विचार किया जाता है। चयन समिति पर्याप्त औचित्य के साथ अपनी इच्छा के अनुरूप पुरस्कार के लिए किसी व्यक्ति/संस्था की सिफारिश भी कर सकती है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी पुरस्कारों के लिए आवेदन/अनुशंसित संस्थानों और व्यक्तियों की उपलब्धियों पर विचार करते हुए पुरस्कारों के लिए प्राप्त नामांकनों की जांच कर उसे शॉर्टलिस्ट करेगी।
पुरस्कार विजेताओं का अंतिम चयन स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति करेगी।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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