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कांग्रेसः हरिद्वार सीट पर हरीश रावत या फिर वीरेंद्र रावत, स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं को नारसन बुलाया

Congress: Harish Rawat or Virendra Rawat on Haridwar seat

देहरादून। न्यूज लाइव डेस्क

कांग्रेस ने अभी हरिद्वार और नैनीताल सीट पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की है। हरिद्वार सीट की बात करें तो कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कभी उनके बेटे वीरेंद्र रावत के नाम पर प्रत्याशी की मोहर लगने की खबरें सामने आती रहीं, पर अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं हुई।

लेकिन, इस बीच एक और खबर है कि कल सुबह 11 बजे प्रत्याशी के स्वागत और प्रचार अभियान को गति देने के लिए कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नारसन बुलाया जा रहा है। यह बुलावा हरीश रावत और उनके बेटे वीरेंद्र रावत की ओर से दिया जा रहा है।

कांग्रेस सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए हरिद्वार सीट से टिकट पक्का करा लिया है, जिसकी घोषणा शुक्रवार देर शाम या फिर रात को होनी बाकी है।

हालांकि, यह पुख्ता तौर पर कहा जा रहा है कि टिकट हरीश रावत या फिर उनके बेटे वीरेंद्र रावत को ही मिलना है, इसकी वजह यह है कि हरीश रावत और वीरेंद्र रावत की ओर से पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को कल नारसन पहुंचने का आमंत्रण मिल रहा है।

शनिवार को नारसन में हरिद्वार सीट के प्रत्याशी के रूप में कार्यकर्ता किनका (हरीश रावत या वीरेंद्र रावत) स्वागत करेंगे, यह तो अधिकारिक घोषणा पर ही पता चलेगा, जिसके देर शाम या फिर रात को होने की जानकारी है।

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे हैं।

सवाल यह है कि क्या हरीश रावत राजनीति में अपना और परिवार का दखल बनाए रखना चाहते हैं।

2004 के लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा सीट पर उनकी पत्नी रेणुका रावत चुनाव हारीं।

2009 में हरीश रावत हरिद्वार सीट पर विजयी हुए और केंद्र सरकार में मंत्री रहे।

2014 के चुनाव में पत्नी रेणुका रावत को चुनाव लड़ाया, जो हार गईं। उस समय रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे।

2017 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण सीट और किच्छा, दो सीटों पर चुनाव हारे।

2022 के विधानसभा चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण सीट पर उनकी बेटी अनुपमा रावत ने जीत हासिल की। जबकि इसी चुनाव में हरीश रावत लालकुआं सीट पर चुनाव हार गए थे।

अब उनके पुत्र वीरेंद्र रावत का नाम हरिद्वार सीट पर प्रत्याशी चयन की दौड़ में शामिल है। यह भी कहा जा रहा है कि रावत चाहते हैं कि वीरेंद्र को हरिद्वार सीट पर प्रत्याशी बनाया जाए।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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