FeaturedInspirational story

जब चूहे को पसंद आ गए हाथी के दांत

एक बार की बात है। जंगल में रहने वाले चूहे को खाने के लिए अखरोट मिला, लेकिन वह अपने छोटे दांतों से अखरोट को तोड़ नहीं पा रहा था। अखरोट काफी सख्त होने की वजह से चूहा काफी परेशान हो गया। उसने कहा- हे भगवान, मेरे पास खाने के लिए शानदार भोजन है, लेकिन अपने छोटे दांतों की वजह से इसे खा नहीं पा रहा हूं। क्या आप मुझे दूसरे दांत नहीं दे सकते।

थोड़ी ही देर में चूहे ने सुना कि भगवान उससे कह रहे हैं कि तुम्हें जिस भी जानवर जैसे दांत चाहिए, मुझे बता दो, मैं तुम्हारे दांत भी वैसे ही कर देता हूं। चूहा पूरे जंगल में घूम लिया, लेकिन उसको किसी भी जानवर के दांत पसंद नहीं आए। अाखिर में उसे बड़े दांतों वाला हाथी दिखाई दिया। उसे हाथी के सफेद बड़े दांत पसंद आ गए। उसने हाथी से पूछा- आपके दांत तो बहुत खूबसूरत हैं। आप इन दांतों को पाकर खुश तो हो।

हाथी ने कहा- ये दांत किसी काम के नहीं हैं। तुम्हारी तरह इन दांतों से मैं कुछ भी चबा नहीं पाता। ये केवल शो के लिए हैं। इनका बोझ ढोते-ढोते थक जाता हूं। तुम तो बहुत अच्छे हो, जो तुम्हें बड़े दांतों का बोझ नहीं ढोना पड़ता। अब चूहे की समझ में आ गया। उसने भगवान से कहा, छोटे-छोटे दांत देने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।

 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button