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उत्तराखंड के एक-एक आंदोलनकारी को दंडवत नमन करता हूंः धामी

रामपुर तिराहा पर जाकर शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की

मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल में राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने शहीद स्थल के लिए भूमि दान करने वाले दिवंगत महावीर शर्मा की स्मृति में उनकी प्रतिमा स्थापित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने ग्राम- रामपुर, सिसौना, मेघपुर एवं बागोवाली के ग्रामीणों की सहृदयता एवं जनभावना को देखते हुए 2016 में बनाए गए जन मिलन केन्द्रों का पुनर्निर्माण कराने की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि रामपुर तिराहा कांड की बरसी पर उत्तराखंड के एक-एक आंदोलनकारी को दंडवत नमन करता हूं। हम शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम प्रत्येक दिन उत्तराखंड राज्य को उसकी मूल रचना एवं आधार के अनुरूप आगे ले जाने का कार्य कर रहे हैं।
इस दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालयान, कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ( यूपी सरकार) कपिलदेव अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक प्रदीप बत्रा मौजूद रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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