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टिहरी झील पर बन रहा देश का सबसे लंबा सिंगल लेन झूला पुल

उत्तराखंड में टिहरी झील पर बना डोबराचांठी पुल देश का सबसे लंबा मोटरेबल सिंगल लेन झूला पुल है। इसकी लंबाई 440 मीटर है, जिसे कई अन्य संस्थाओं के असफल होने के बाद कोरियन कंपनी ने डिजाइन किया। लगभग 150 करोङ़ रुपये  की लागत वाले मुख्य पुल के 440 मीटर स्पान में से 250 मीटर लम्बाई में डैक लगाने का काम पूरा किया जा चुका है। मार्च 2020 तक पुल को आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।

टिहरी झील पर डोबरा चांठी पुल का निर्माण पूरा होने से तीन लाख से ज्यादा की आबादी को टिहरी जिला मुख्यालय तक आने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। टिहरी आने वाले पर्यटक प्रतापनगर भी आ सकेंगे।प्रतापनगर आने-जाने के लिए बने पुल टिहरी झील में डूब गए थे। इस वजह से प्रतापनगर के लोगों को नई टिहरी, देहरादून, ऋषिकेश आने-जाने के लिए समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

टिहरी गढ़वाल जिले के प्रतापनगर क्षेत्र के निवासियों को 14 साल के इंतजार के बाद बड़ी राहत मिलने वाली है। यह पुल टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ेगा। डोबराचांठी पुल की सतह को आपस में जोड़ने का काम पूरा किया जा चुका है। रेलिंग और कोटिंग के बाद रोड सेफ्टी की एनओसी के बाद आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि डोबराचांठी पुल प्रतापनगर और थौलधार के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पुल के निर्माण के लिए एकमुश्त राशि जारी की गई। इंजीनियरों को समय पर निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए गए। यह जल्द ही आवागमन के लिए खुल जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पुल को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए एकमुश्त बजट जारी किया था। मुख्यमंत्री ने स्वयं इसके निर्माण की प्रगति पर नजर रखी। वर्ष 2006 से भागीरथी नदी पर बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर और थौलधार को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण चल रहा है।

डोबरा चांठी पुल का कार्य देख रहे लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता शिव कुमार राय का कहना है कि पुल के दोनों ओर 440-440 मीटर लंबी रेलिंग लगाई जानी हैं। रेलिंग के ऊपर कोटिंग का काम होना है। इस कार्य के लिए तापमान कुछ ज्यादा चाहिए। पुल में आवाजाही के लिए रोड सेफ्टी विभाग की एनओसी जरूरी है। पुल पर आवागमन मार्च, 2020 में ही शुरू हो पाएगा।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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