ElectionFeaturedPoliticsUttarakhand

पराजय के बाद आलोचनाओं पर हरदा ने लिखी एक लंबी भावुक पोस्ट

मैं भी एक स्वघोषित ही सही, सेनापति न सही लेकिन एक योद्धा तो हूं ही नः हरीश रावत

देहरादून। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर सिमट गई, वहीं वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से चुनाव हार गए। हरीश रावत की पराजय को लेकर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही हैं। प्रतिक्रियाओं पर हरीश रावत ने एक लंबी पोस्ट लिखी है, जिसमें वो कहते हैं- पराजय के बाद पराजित सेनापति को हमेशा उलाहना और आलोचनाएं सुननी पड़ती हैं, मैं भी एक स्वघोषित ही सही, सेनापति न सही लेकिन एक योद्धा तो हूं ही न।

वो कहते हैं, ढेर सारे लोग जिनमें भाजपा के सोशल मीडिया टीम और कुछ मेरे अति-अति प्रिय दोस्तों की टीम सम्मिलित है, मुझ पर दनादन प्रहार कर रहे हैं। मैं उनका दिल से आभारी हूं कि, एक पराजित योद्धा को वो इस लायक तो समझ रहे हैं कि अब भी मुझी पर चोट पर चोट की जा रही है और चोट पहुंचाने के लिए भाजपा द्वारा गढ़े हुए झूठों का सहारा लिया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने कभी भी शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी का कोई आदेश नहीं निकाला और राज्य में भी ऐसा कोई आदेश कभी नहीं निकला है। देश में भी कहीं इस प्रकार का आदेश नहीं निकला है। मगर भाजपा ने एक झूठ को फैला दिया। दूसरा झूठ मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने को लेकर है। मुझसे कभी किसी मुसलमान भाई ने उत्तराखंड तो छोड़िए, देशभर में मुस्लिम यूनिवर्सिटी या मुस्लिम कॉलेज खोलने की मांग नहीं की है। मगर यह भी झूठा प्रचार किया गया और लोगों के मन में जहर घोला गया है। झूठ हमेशा कायरों का सहारा होता है। इस प्रकार के झूठ गढ़ने वाले कायर हैं।

पूर्व सीएम रावत लिखते हैं, हमारे एक बहुत प्यारे शुभचिंतक Shailendra_Singh_Negi जी ने कुछ कहा और सलाह दी है, उनकी सलाह में एक अव्यक्त दर्द का मुझे आभास होता है। मैं उनकी सलाह के साथ लिपटी हुई आत्मीयता को दूर, देहरादून में भी महसूस कर रहा हूं। शैलेंद्र जी, मैं बचपन से ही माँ और पिता जी के बताए हुए भगवान को समझने लग गया था, क्योंकि वो मुझसे हाथ जुड़वाते थे और जब मैं कुछ और अधिक समझने लायक हुआ तो हर दिन मैं अपने घर के मंदिर में घंटी बजाकर अपने टूटे-फूटे शब्दों में और अपनी धीरे-धीरे विकसित होती समझ के अनुरूप कुछ मांगता रहा हूं और आज भी मेरा कोई भी कार्य बिना भगवत पूजा के प्रारंभ नहीं होता है।

रावत ने लिखा है,  भगवान शिव, भगवान केदार के रूप में मेरे आराध्य देव हैं और आपदा से ध्वस्त केदारपुरी में मुख्यमंत्री के रूप में जो कुछ मुझसे संभव था, मैं उनके आशीर्वाद से ही कर पाया। गोलज्यू देवता में मेरी आस्था का अनुमान आप मेरे सर पर रोज लगाए जाने वाला गोलज्यू देवता की भभूत से लगा सकते हैं, यह भभूत मेरी शक्ति है। मैं तो कत्यूरियों की आराध्य देवी मां जियारानी का भी प्रातः स्मरण करता हूं और जो कुछ मुझसे हो पड़ा, मां जिया की गुफा के विकास के लिए वह भी मेरे कार्यकाल में हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा,  मैं इन बातों का उल्लेख केवल देव और देव स्थानों के लिए अपनी आस्था को स्पष्ट करने के लिए कर रहा हूं। जब मैं धर्म को समझने लायक हुआ स्वामी विवेकानंद जी ने हिंदू धर्म और सनातन धर्म के विषय में जो कुछ सात समुद्र पार कहा और जो दुनिया को समझाया, वही समझ आज भी मुझसे लिपटी हुई है और मैं उसी रूप में हिंदू धर्म को मानता हूं और समझता हूं और उस पर आस्था रखता हूं।

वो कहते हैं, मुझे अपने हिंदू होने पर गर्व है और मुझे उतना ही गर्व इस बात पर भी है कि मैं सभी धर्मों और सभी धर्म स्थलों और आस्था स्थलों के प्रति आदर व सम्मान का भाव रखता हूं। मैं जिस माँ गंगा का स्मरण करता हूं, वह मां भी बिना भेदभाव के सारी मानवता का कल्याण करती हैं और मैं मां गंगा जी से अपने जीवन के आगे की राह के विषय में प्रार्थना करने जाऊंगा और मार्गदर्शन की अपेक्षा लेकर के जाऊंगा। हां, मैं एक कृतज्ञ बाप भी हूं, जिसकी बेटी को हरिद्वार के लोगों ने मां गंगा के आशीर्वाद से विजयी बनाया है और जो लोग मेरी बेटी के जीत के साथ खड़े हुए हैं, उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करना मेरा कर्तव्य है। इसीलिए मैं, मां गंगा को भी प्रणाम कर रहा हूं और सामाजिक न्याय के सबसे बड़े देवता भगवान शिव, जिनसे बड़ा और कोई है ही नहीं, मैं उन भगवान शिव को भी दक्षेश्वर के रूप में जल चढ़ाने जाऊंगा और बाबा अंबेडकर जी, जो आधुनिक मानवता के पथ प्रदर्शक हैं, जिन्होंने हमको सामाजिक न्याय का अटूट मंत्र दिया है, उनको भी मैं माल्यार्पण कर अपने हृदय की कृतज्ञता व्यक्त करुंगा।

रावत ने लिखा, साबरी साहब के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करूंगा। देश और दुनिया में सूफीज्म का बड़ा स्थान है, यह भारत की दुनिया को एक बहुत बड़ी देन है। धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ सूफीज्म एक बड़ी सोच रही है और साबिर साहब का स्थान उस सोच का एक बहुत बड़ा मुकाम है और लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। मैं मानव मात्र की आस्था या सामूहिक आस्थाओं को सम्मान देना अपना राष्ट्रीय कर्तव्य मानता हूं।

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker