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भाजपा से एक और दलित नेता की एंट्री की तैयारी में कांग्रेस

देहरादून। यशपाल आर्य के बाद कुमाऊं से एक और बड़े दलित नेता की कांग्रेस में एंट्री हो सकती है। कुमाऊं में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से इनकी मुलाकात के बाद सियासी अर्थ निकाले जा रहे हैं।

वहीं, जागेश्वर से विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल का बयान भी इस मुलाकात के बड़े मतलब बता रहा है।

उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी दहलीज पर खड़े राज्य में छोटी से छोटी राजनीतिक घटनाओं के बड़े सियासी मतलब समझे जा रहे हैं। वैसे भी उत्तराखंड में दल बदल को लेकर सियासत तेज हो गई है।

नेताओं में जुबानी जंग हो रही है। दल बदल से राजनीतिक समीकरण किसके पक्ष में हैं या किसके विरोध में हैं, का विश्लेषण हो रहा है।

बताया जा रहा है कि कुमाऊं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत से भाजपा के एक बड़े नेता ने मुलाकात की। हालांकि यह मुलाकात कुछ देर की ही थी, पर माना जा रहा है कि यशपाल आर्य के बाद कांग्रेस अपने पाले में एक और नेता को ला सकती है।

एक मिनट की मुलाकात को राजनीतिक संदर्भों में देखा जाए तो कुमाऊं में दलित वोटों के समीकरण अपने पक्ष में बनाने के लिए कांग्रेस सक्रियता से जुटी है।

दबाव और धन के लोभ में सरकार गिराने वालों से कोई गिला नहींः रावत

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड में दलित आबादी  18.50 फीसदी से अधिक है, जिनमें मैदानी जिलों देहरादून (2,28,901), हरिद्वार (4,11,274) व ऊधमसिंह नगर (2,38,264) की लगभग नौ लाख की आबादी शामिल है।

वहीं, पर्वतीय जिलों में दलित आबादी लगभग दस लाख है। यही वजह है कि दलित वोट बैंक को लेकर राजनीतिक सक्रियता ज्यादा है।

दबाव और धन के लोभ में सरकार गिराने वालों से कोई गिला नहींः रावत

एक मिनट की मुलाकात से कुमाऊं में बड़ी राजनीतिक उठापठक का अनुमान इसलिए भी पुख्ता होता दिख रहा है, क्योंकि कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने हाल ही में दावा किया है जल्द ही भाजपा के छह विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे। हालांकि उन्होंने नाम नहीं खोले हैं, लेकिन इतना जरूर कहा है कि तीन गढ़वाल मंडल औऱ तीन कुमाऊं मंडल से हैं।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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