डेंगू के खिलाफ जंग के लिए जनता के बीच पहुंचे स्वास्थ्य सचिव
डेंगू की रोकथाम के अभियान में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी
देहरादून। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव डॉ. आर राजेश कुमार डेंगू की रोकथाम के लिए जनता के बीच पहुंचे। उन्होंने डेंगू के खिलाफ विभाग एवं निकायों के कार्यों की जांच की।
स्वास्थ्य सचिव ने देहरादून जनपद के डेंगू से प्रभावित धर्मपुर, रेसकोर्स, आफिसर्स कालोनी बी व सी ब्लॉक, अजबपुर, नेहरू कालोनी आदि क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के घरों में जाकर उनसे बात की और हालात का जायजा लिया।
सचिव स्वास्थ्य के साथ स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें रहीं। स्वास्थ्य सचिव ने आशा कार्यकर्ताओं और नगर निगम टीम का मनोबल बढ़ाते हुए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर डेंगू लार्वा पनपने वाले स्थानों को नष्ट कराया। इसके साथ ही, फॉगिंग का निरीक्षण किया।
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क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से फीड बैक लेने के साथ अपील की, कि वो स्वयं आगे बढ़कर अपने घरों के साथ ही आसपास साफ सफाई रखें और पानी को किसी भी कीमत पर जमा ना होंने दें, ताकि डेंगू के मच्छर पनप ना सके। उन्होंने कहा, लोगों के सहयोग के साथ ही डेंगू रोग पर पूरी तरह विजय प्राप्त की जा सकती है।
रायपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण में मिली खामियां
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने रायपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया और अस्पताल के सभी वार्डों का दौरा किया। स्वास्थ्य सचिव ने वार्डों और अस्पताल में साफ सफाई को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
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स्वास्थ्य सचिव को निरीक्षण में अस्पताल में खून की जांच करने वाली एकमात्र लैब बंद मिली। उन्होंने अधिकारियों से लापरवाह कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने सीएमएस को मूलभूत सुविधाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारियों को लिखा पत्र, इलाज में कोताही बरतने वालों पर हो कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव ने पत्र जारी करते हुए लिखा, डेंगू रोग से ग्रसित रोगी विभिन्न राजकीय एवं निजी चिकित्सालय में उपचार करा रहे हैं। डेंगू रोग से स्वस्थ होने में समयबद्ध व मानक उपचार प्रदान किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में स्टैंडर्ड क्लीनिकल एडवाइजरी भी जारी की गई है।
इसी क्रम में निर्देशित किया जाता है कि अपने स्तर से अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर नियमित रूप से सभी राजकीय व निजी चिकित्सालयों में डेंगू उपचार के लिए उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के अनुश्रवण तथा डेंगू रोगियों की स्वास्थ्य दशा की निगरानी करने के लिए निर्देशित करें।
यदि इलाज में किसी भी चिकित्सालय द्वारा किसी प्रकार की कोताही बरतने का मामला संज्ञान में आता है, तो उक्त चिकित्सालय पर दंडात्मक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।