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जब कौओं ने एक दूसरे को चुनौती दी

एक बार की बात है दो कौए साथ-साथ रहते थे। एक दिन उनमें बहस हो गई। एक कौआ कह रहा था कि मैं तुमसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकता हूं। दूसरे ने कहा, मैं तुमसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकता हूं। दोनों ने एक दूसरे को थैले लेकर ऊंचाई तक उड़ने की चुनौती दे दी। एक दिन तय किया गया। बरसात का मौसम था और कौए एक दूसरे से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने के लिए एक मैदान में पहुंच गए, जहां उड़ने में कोई बाधा नहीं थी।

दोनों ने बराबर आकार के थैले लिए और उनमें अपनी पसंद का सामान भरा। एक कौए ने थैले में रुई भर दी। दूसरे ने अपने थैले में नमक भरा। पहला कौआ उसे देखकर कह रहा था, कितना मूर्ख है। भारी सामान लेकर मुझसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने की चुनौती दे रहा है। दूसरे कौए ने उसकी बात सुन ली थी, लेकिन बोला कुछ नहीं।

अब दोनों ने उड़ान भरी। थोड़ी ही देर में  रुई वाला कौआ ऊंचाई पर था। नमक वाला कौआ ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा सका। कुछ ही देर में बारिश होने लगी और पानी भरने से रुई वाला थैला भारी हो गया। इस वजह से पहला कौआ ज्यादा देर तक ऊंचाई पर नहीं रह सका। वहीं बारिश में नमक बहने से दूसरे कौए के थैले का वजन कम हो गया और वह नीचे से ऊंचाई पर उड़ने लगा। चुनौती का समय खत्म होने तक नमक के थैले वाला कौआ ज्यादा ऊंचाई पर था। इस तरह वह जीत गया और रुई को हल्का समझकर उड़ान भरने वाले कौए ने अपनी हार स्वीकार कर ली।

संदेश- किसी की परिस्थिति और कार्य को देखकर हंसी नहीं उड़ानी चाहिए। वक्त और परिस्थितियां किसी के भी हालात बदल देते हैं।

 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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