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गणतंत्र दिवस समारोहः उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिस कर्मी सम्मानित

राज्यपाल ने 74वें गणतंत्र दिवस पर परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में ध्वज फहराया

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने 74वें गणतंत्र दिवस पर परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में ध्वज फहराया। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को नमन करते हुए परेड की सलामी ली।

इस अवसर पर सीआरपीएफ, उत्तराखंड पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी के जवानों सहित एनसीसी की टुकड़ियों ने परेड करते हुए राज्यपाल को सलामी दी। साथ ही, राज्य के लोक कलाकारों व विभिन्न स्कूली बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक लोक नृत्य का मनोहारी प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड पुलिस के ‘विजन डॉक्यूमेंट’ का अनावरण करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिस कर्मियों को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया।

परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, ग्राम्य विकास, पर्यटन विभाग, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, उद्योग विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं तथा नीतियों पर आधारित झाँकियों का भी प्रदर्शन किया गया। परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में सांसद नरेश बंसल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, स्थानीय विधायक खजान दास, मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु, डीजीपी अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, विशिष्ट गणमान्य अतिथि एवं जनसामान्य उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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