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सीएम पुष्कर सिंह धामी का पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद

नई टिहरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई टिहरी में ’जनसंवाद’ – आपका सुझाव हमारा संकल्प कार्यक्रम में विभिन्न ब्लाकों के 18 ग्राम प्रधानों को मनरेगा, एनआरएलएम, स्वयं सहायता समूहों तथा ग्राम स्तर पर उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से सीधे तौर पर संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं।
नगर पालिका परिषद हॉल में आयोजित कार्यक्रम में करीब 400 प्रधानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, पंचायत प्रतिनिधि गांवों में आम जनता से सीधे तौर पर जुड़े होते हैं, जिसके फलस्वरूप प्रधानों के सुझाव काफी महत्वपूर्ण होते हैं।
उन्होंने चंद्रबदनी एवं कुंजापुरी की धरती को प्रणाम करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा अनुसार तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। केदारनाथ धाम से प्राधनमंत्री ने पूरी दुनिया को संदेश दिया कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। राज्य जब 25 वां स्थापना दिवस मना रहा होगा, तब राज्य सभी क्षेत्रों में देश का अग्रणीय एवं आदर्श राज्य होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्येक व्यक्ति से आए सुझाव पर कार्य करेगी। देवस्थानम बोर्ड पर जन भावनाओं के अनुरूप फैसला लिया गया। हमारी सरकार जो घोषणा करेगी, उनका शासनादेश भी जारी करेगी। साथ ही, हर घोषणा से पहले उनका वित्तीय आकलन भी किया जाता है।  हम राजनीति में लोकनीति पर कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए पीआरडी जवानों,  उपनल कर्मियों , ग्राम प्रधानों , आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने का कार्य किया है। उत्तराखंड आंदोलनकारियों को मिलने वाली पेंशन को भी हमारी सरकार ने बढ़ाने का कार्य किया है। खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में नई खेल नीति लाई गई है। सरकार युवाओं को रोजगार देने पर कार्य कर रही है।विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चालू है। उन्होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए उनके निधन को देश के साथ ही उत्तराखंड के लिए बड़ी क्षति बताया।
विभिन्न ब्लाकों से आए ग्राम प्रधानों ने मनरेगा में कार्य दिवस बढ़ाने, लोक परंपरा के अनुसार होम स्टे योजना का क्रियान्वयन, बंजर भूमि पर स्वरोजगार के लिए अलग से योजना लाने जैसे विभिन्न सुझावों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने सभी सुझावों को गंभीरता से निर्णय लेने की बात कही।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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