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छह माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली की सुविधाएं हो जाएं, बजट की कोई कमी नहींः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को वास्तव में लाभ मिले और उनकी समस्याएं दूर हों।
जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली तथा दोनों मंडलायुक्त, जिलों के मुख्य विकास अधिकारी, एसएसपी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे लिए टॉप प्रायोरिटी पर है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले छह माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि सभी सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस का प्रभावी क्रियान्वयन हो। लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं। आने वाले समय में वनाग्नि को रोकने का कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए।
उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की लगातार मानिटरिंग की जाए। आगामी चार धाम यात्रा और पर्यटन के सीज़न को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर लिया जाएं। पार्किग की व्यवस्था के लिए प्लान कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में लाकडाउन के समय कोविड-19 के दिशा-निर्देश के उल्लंघन पर लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। मुख्यमंत्री ने चमोली जिलाधिकारी से तपोवन आपदा से प्रभावित गांवों में पुनः कनेक्टीविटी सुचारू करने के बारे में जानकारी ली।

Key Words: Effective Implementation of e-governance, Facility of drinking water in Uttarakhand’s School, MNREGA, Self Employment Schemes in Uttarakhand

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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