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कोविड से जंगः आयुष मंत्रालय की हेल्पलाइन 14443 पर कर सकते हैं कॉल

आयुष मंत्रालय ने समर्पित सामुदायिक सहायता हेल्पलाइन शुरू की है। इसके जरिये कोविड-19 से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए आयुष आधारित उपाय बताए जाएंगे। इसका टोल-फ्री नंबर 14443 है। यह हेल्पलाइन पूरे देश में शुरू हो गई है और सप्ताह के सात दिन सुबह छह बजे से आधी रात बारह बजे तक खुली रहेगी।
हेल्पलाइन 14443 के जरिए आयुष की विभिन्न विधाओं, जैसे आयुर्वेद, होमियोपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्ध के विशेषज्ञ, लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे। ये विशेषज्ञ सिर्फ रोगी की काउंसलिंग और उपयोगी उपचार ही नहीं बताएंगे, बल्कि नजदीकी आयुष केंद्रों की जानकारी भी देंगे।
विशेषज्ञ कोविड-19 से उबरने वाले रोगियों को दोबारा रोजमर्रा के काम शुरू करने और अपनी देखभाल के बारे में सलाह देंगे। यह हेल्पलाइन इंटरऐक्टिव वॉइस रेस्पांस (आईवीआर) आधारित है और हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है।
जल्द ही अन्य भाषाएं भी इसमें जोड़ दी जाएंगी। हेल्पलाइन एक बार में 100 कॉल्स ले सकती है। जरूरत को देखते हुए इसकी क्षमता बढ़ा दी जाएगी।
हेल्पलाइन के जरिए आयुष मंत्रालय का प्रयास है कि देशभर में कोविड-19 के फैलाव को सीमित किया जाए। उसके इस प्रयास को गैर-सरकारी संस्था प्रोजेक्ट स्टेप-वन सहयोग कर रही है।
 उल्लेखनीय है कि आयुष प्रणाली प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है और आज भी लोग इसका उपयोग करते हैं। इसे स्वास्थ्य और आरोग्य के लिये इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे अब देश में औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान कर दी गई है।
मौजूदा महामारी के दौरान इन प्रणालियों का उपयोग बढ़ गया है, क्योंकि इनसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। आयुष प्रणाली असरदार, सुरक्षित, आसानी से उपलब्ध और सस्ती है। इसे कोविड-19 का इलाज करने में कारगर पाया गया है।
इसके अतिरिक्त, इसकी चिकित्सकीय क्षमता की भी पड़ताल की गई, जिसके आधार पर कई जड़ी-बूटियों से बने दो असरदार नुस्खे सामने आए। पहला नुस्खा आयुष-64 को केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद ने और दूसरा सिद्ध प्रणाली वाला कबसुर कुडीनीर नुस्खा विकसित किया गया।
इन दोनों नुस्खों को कोविड-19 के हल्के और कम गंभीर मामलों में कारगर पाया गया है। आयुष मंत्रालय इन दवाओं को प्रोत्साहन दे रहा है, ताकि आम लोगों को इसका फायदा मिल सके।

Key words:- AYUSH, AYUSH-64, Toll-free number 14443, COVID-19, Rehabilitation, NGO Project Step One, CRAS and Kabasura Kudineer of Siddha system, Challenges raised by Covid-19, कोरोना से बचने के आयुर्वेदिक उपाय, आयुष 64, केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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