DHARMAReligion

स्नान के बाद सूर्य को जल अवश्य चढ़ाएं

धर्मग्रन्थों के अनुसार सूर्य को देवता माना गया है। सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाकर ही भोजन किया जाता है। उत्तर भारत में तो छठ पर्व के दिन भगवान सूर्य देव की विधि विधान से पूजा की जाती है और अघ्&य दिया जाता है।शोधकर्ताओं ने भी सूर्योपासना के कई फायदे बताएं हैं।

सूर्य को जल चढ़ाने के लाभ

धार्मिक मतःसूर्य को जल चढ़ाने की परम्परा बहुत पुराने समय से है। शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव को जल चढाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं। मनुष्य पर सूर्य का प्रकोप नहीं होता है। साथ ही उसके राशि दोष ख़त्म हो जाते हैं।
वैज्ञानिक तर्कः वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें ज्यादा तेज नहीं होती हैं, जो शरीर के लिए एक औषधि का काम करती हैं। उगते सूर्य को जल चढ़ाते वक्त जल की धार में सूर्य दिखाई देता है। सूर्य की किरणें जल में से छनकर आंखों और शरीर पर पड़ती हैं।जिससे आंखों की रोशनी तेज होती है। इससे पीलिया, क्षय रोग और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। सूर्य की किरणों से विटामिन-डी भी मिलता है। सुबह सुबह सूर्य को जल चढाने से शुद्ध ऑक्सीजन भी मिलती है। वहीं स्नान के बाद भोजन को धार्मिक नजरिए से अहम माना गया है। ये परंपरा भी सदियों पुरानी है।

स्नान के बाद ही भोजन करनाः धार्मिक मत ,शास्त्रों के अनुसार बिना स्नान किये भोजन करना निषेध माना गया है। शास्त्रों के अनुसार स्नान करके पवित्र होकर ही भोजन करना चाहिए। बिना स्नान किये भोजन करना पशुओं के समान है इसे अपवित्र माना गया है। ऐसा करने से देवी देवता अप्रसन्न हो जाते है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोणः वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्नान करने से शरीर की गन्दगी निकल जाती है शरीर में नई ताजगी और स्फूर्ति आती है। स्नान करने के बाद स्वभाविक रूप से भूख लगती है। उस समय भोजन करने से भोजन का रस शरीर के लिए पुष्टिवर्धक होता है।

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker