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एम्स ऋषिकेश में नशे से पीड़ित लोगों के उपचार की उच्चस्तरीय सुविधाएं

एम्स ऋषिकेश में स्टाफ के साथ मरीजों और तीमारदारों ने नशा मुक्त अभियान चलाने की शपथ ली

ऋषिकेश। न्यूज लाइव ब्यूरो

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS,ऋषिकेश में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सोमवार को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। संस्थान में Addiction Treatment Facility (ATF) ने समाज में बढ़ती नशे की आदत के खात्मे के लिए शपथ दिलाई तथा पौधरोपण किया गया।

इन विशेष कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूक करना और लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करना था। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एटीएफ के नोडल अधिकारी डॉ. विशाल धीमान ने सभी को मनोचिकित्सा विभाग की ओपीडी में नशीले पदार्थों के सेवन के विरुद्ध शपथ दिलाई, जिसमें सभी मरीजों के साथ साथ तीमारदारों, मेडिकल छात्र-छात्राओं, नर्सिंग अधिकारियों आदि ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर सभी को अवगत कराया गया कि एम्स ऋषिकेश में हर तरह के व्यस्नों से पीड़ित लोगों के उपचार की सभी उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। ए.टी.एफ. एम्स ऋषिकेश को शुरू करने का उद्देश्य नशे के आदी लोगों को उत्तराखंड राज्य में मुफ्त और उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार प्रदान करना है, जिससे ग्रसित व्यक्ति को इसके लिए किसी अन्य प्रदेश में नहीं भटकना पड़े।

सोमवार को नशा मुक्त भारत अभियान के अतंर्गत आयोजित कार्यक्रम के तहत एम्स डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी के नेतृत्व में संस्थान के अधिकारियों, मेडिकल छात्रों आदि ने संस्थान परिसर में पौधरोपण किया।

इस अवसर पर संस्थान के ए. टी. एफ प्रमुख डॉ विशाल धीमान ने बताया कि वर्ष 2019 में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के एक शोध में पाया गया कि उत्तराखंड में तंबाकू के अलावा शराब, भांग, गांजा, चरस, स्मैक, हेरोइन जैसे उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन नशीले पदार्थों के आदी हो चुके ग्रसित मरीजों के लिए ए. टी. एफ., एम्स ऋषिकेश में पूर्णत: मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने बताया कि इसके तहत मरीज को सभी प्रकार की आवश्यक औषधियां, अत्याधुनिक उपचार सुविधाएं, अस्पताल में सभी मरीजों के लिए बिस्तर की सुविधा आदि निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।

कार्यक्रम में उपचिकित्सा अधीक्षक डॉ. भारत भूषण, डीएमएस डॉ. नरेंद्र कुमार, मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनिंदया दास, Addiction treatment facility के नोडल अधिकारी डॉ. विशाल धीमान के अलावा संकायगण डॉ रवि गुप्ता, डॉ विजय कृष्णन, काउंसलर सपना पुंडीर, सीमा प्रजापति, नर्सिंग ऑफिसर सुरेश, दिनेश, दीपक, प्रकाशिनि आदि उपस्थित रहे।

 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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