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डोईवाला से जेसीबी के पंजे पर बैठकर दून कूच कर रहे किसानों को टोल प्लाजा पर रोका

बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर डोईवाला से देहरादून जा रहे थे किसान

डोईवाला। एमएसपी गारंटी सहित कई मांगों के लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में डोईवाला में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के आह्वान पर किसानों की ट्रैक्टर रैली ने देहरादून कूच किया। किसानों ने ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर जिलाधिकारी देहरादून को ज्ञापन देने के लिए डोईवाला से रैली निकाली। पुलिस ने किसान रैली को लच्छीवाला टोल प्लाजा पर रोक लिया।

एमएसपी गारंटी के समर्थन में नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर और जेसीबी के पंजे पर सवार होकर सुबह करीब साढ़े 11 बजे डोईवाला से निकले। इस दौरान प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। किसानों को रोकने के लिए टोल प्लाजा पर पहले से ही पुलिस मुस्तैद थी।

प्रदर्शनकारी किसानों ने टोल प्लाजा के सामन धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया। भारतीय किसान यूनियन टिकेत के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह खालसा ने कहा, सरकार किसानों की मांगों की अनदेखी कर रही है। किसानों पर अन्याय किया जा रहा है। किसान नेता गुरदीप सिंह ने कहा, सरकार किसानों से टकराव की दिशा में काम कर रही है।

किसान नेता सुरेंद्र सिंह खालसा और किसानों ने प्रशासन को आधा घंटे के भीतर टोल प्लाजा पर आकर ज्ञापन लेने का समय दिया। इसके बाद सीधे देहरादून कूच करने की चेतावनी दी। बाद में, डोईवाला की उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल ने टोल प्लाजा पहुंचकर किसानों से ज्ञापन लिया।

प्रदर्शन के दौरान किसानों ने खेत में काम करने वाले मज़दूरों का कर्ज़ माफ़ करने, 60 साल से ज़्यादा उम्र के किसानों को 10 हज़ार रुपये पेंशन देने, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू करने, लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सज़ा दिलाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने, साल 2021-22 के किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने तथा पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवज़ा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग पर जोर दिया है। साथ ही, स्थानीय किसानों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस परवादून जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, इंद्रजीत सिंह, शुभम कांबोज, जितेंद्र कुमार, अमरजीत सिंह, बलबीर सिंह गुरपाल सिंह, सागर मनवाल, परमजीत सिंह, कमल अरोड़ा आदि शामिल रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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