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छत पर कबाड़ और बेकार का सामान इकट्ठा न करें

  • घर-परिवार पर शनि कृपा होना शुभ

प्राचीन काल से शनिवार के दिन को लेकर बहुत सारी लोक मान्यताएं हैं। इस पर लोग शनि के कोप के भय से आंख मूंदकर विश्वास करते हैं। उनको डर रहता है कि कहीं शनि नाराज न हो जायें। बड़े-बुजुर्गों के कहे अनुसार, हर उस बात पर अमल किया जाता है, जो शनि से संबंधित होती है। ज्योतिष के अनुसार, घर-परिवार पर शनि कृपा होना शुभ है लेकिन शनि का वास अशुभता का संचार करता है। विद्वान मानते हैं की घर के कबाड़ पर शनि का अधिपत्य स्थापित है इसलिए शनिवार के दिन इसे घर से बाहर कर दें।
ज्योतिषशास्त्र पर आधारित ग्रंथ जातक परिजात में कहा गया है, शनिवार को घर का कबाड़ बेचने से तनाव, क्लेश और अस्वस्थता समाप्त होती है। मान्यता है शनि कबाड़, बेकार सामान और पुरानी वस्तुओं के कारक ग्रह हैं। जिनकी कुंडली में शनि पीड़ा का योग चल रहा हो, उन्हें अपने घर से कबाड़ शनिवार के दिन जरूर बाहर कर देना चाहिए। ऐसा करने से घर में चोरी और एक्सीडेंट से भी सुरक्षा होती है।
शनिवार के दिन सुबह पुराने सफेद काले कपड़े, पुराने स्टील के बर्तन दान करने से तथा पुरानी लकड़ी का फर्नीचर दान करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। शनिवार की शाम को बंद पड़ी हुई घड़िया, जंक लगा लोहे का सामान अथवा पुराने नीले अथवा भूरे कपड़े दान करने से तंत्र-मंत्र से मुक्ति मिलती है।
ध्यान रखें- शनिवार सुबह-सुबह सारे घर की अच्छे से सफाई करें। कोई भी कोना छूटना नहीं चाहिए। घर की छत पर कबाड़ और बेकार का सामान इकट्ठा न करें।
बिजली के खराब उपकरणों को ठीक करवाएं या कबाड़ में दे दें।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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