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हम सबको सतर्कता और मेडिकल शर्तों को पूरा करते हुए घर वापस लाएंगेः त्रिवेंद्र
- मुख्यमंत्री ने कहा, हम अपने लोगों को सड़कों पर नहीं छोड़ सकते
- उत्तराखंड में रहने की कोई दिक्कत नहीं है,कई धर्मशालाएं और बड़े होटल हैं
- शनिवार को हिल मेल के ई-रैबार कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लॉकडाउन में उत्तराखंड के प्रवासी लोग काफी प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के लोग देश के कोने-कोने में अच्छी सेवाओं में हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र हुआ है। उस क्षेत्र में कई लोग ऐसे हैं, जो होटलों में ही रहते हैं। राज्य सरकार उनको दो वक्त का खाना तो मुहैया करा रही है, परन्तु वही काफी नहीं होता, उनमें डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है, उन्हें घर आने की जल्दी हो रही है। इसलिए यह डर भी है कि कहीं कोई गलत कदम न उठाए, इसलिए हमने फैसला लिया है कि हम सबको सतर्कता के साथ एवं मेडिकल शर्तों को पूरा करते हुए उनके घर वापस लाएंगे।
शनिवार को हिल मेल के ई-रैबार कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारे राज्य में पर्याप्त क्षमता है। हरिद्वार शहर से 2500 लोगों को प्रतिदिन मेडिकल चेकअप करके उनके घरों तक पहुंचा सकते हैं। हमारे यहां रहने की कोई दिक्कत नहीं है। हमारे पास कई धर्मशालाएं है। बड़े-बड़े होटल हैं, जिनको राज्य सरकार ने कोविड के तहत अधिगृहित किया है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने खर्चे से भी रहना चाहता है तो उसके लिए भी हमने अलग से व्यवस्था की है। हल्द्वानी एवं उधम सिंह नगर हैं, जहां हमारे पास पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। हम यह पूर्ण कोशिश कर रहे हैं कि जितने लोग भी हम लाएं उनको ठीक तरीके से मेडिकल चेकअप करने के बाद ही उनके घरों तक भेजें।
उन्होंने कहा कि राज्य में आईसीयू एवं वेंटीलेटर की कमी थी, लेकिन आज हमारे 11 जिलों में आईसीयू उपलब्ध हैं। वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। अगले सप्ताह तक जो दो जनपद रह गए हैं, वहां वेंटिलेटर व आईसीयू भी उपलब्ध हो जाएंगे। कोविड-19 के लिए हमने अलग से अस्पताल चिह्नित किए हैं। हम यह भी जानते हैं कि अभी लाखों प्रवासियों को उत्तराखंड आना है। उनमें से कई लोग इन्फेक्टेड हो सकते हैं, उनके लिए अभी से हम तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक हमारे राज्य में कहीं भी वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी है, लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि अगर आवश्यकता पड़े तो हम पूरी व्यवस्था के साथ तैयार हैं। हमारे पास सारी व्यवस्थाएं हैं, इसी वजह से हमने यह निर्णय लिया है कि हम अपने प्रवासी भाइयों एवं बहनो को वापस लाएंगे, क्योंकि हम अपने लोगों को सड़कों पर नहीं छोड़ सकते।
उन्होंने कहा कि हमने अपने ग्राम प्रधानों को विशेष अधिकार दिए हैं। गांव में यदि कोई उनकी बात नहीं मानता है, जिनको क्वारान्टाइन किया गया है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। गांव में अगर किसी के पास खाने की व्यवस्था नहीं है तो हमने प्रधानों को यह अधिकार दिया है कि वो इसकी व्यवस्था करें, जिसका खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। हमने सबका ख्याल रखा है। हम देवभूमि के लोग हैं, हम यह चाहते हैं कि यहां कोई तकलीफ में ना रहे। राज्य सरकार से जो भी मदद होगी, वह हम कर रहे हैं।
ई-रैबार कार्यक्रम में एयर इंडिया के पूर्व सीएमडी अश्विनी लोहानी, एयर मार्शल एमएस बुटोला, गीतकार एवं सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, पूर्व प्रमुख एनटीआरओ एवं रॉ आलोक जोशी, निदेशक एफटीआईआई भूपेंद्र कैंथोला, वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा एवं वरिष्ठ पत्रकार मनजीत सिंह नेगी उपस्थित थे।