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भारत में 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ रहाः एम्स

यूरोलाॅजिकल कैंसर के प्रति जागरूकता और ग्रसित रोगियों के समुचित इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश बना रहा समग्र कार्यक्रम

ऋषिकेश। न्यूज लाइव

यूरोलाॅजिकल कैंसर के प्रति आम लोगों को जागरूक करने और इस बीमारी से ग्रसित रोगियों के समुचित इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश एक समग्र कार्यक्रम तैयार कर रहा है। अगले महीने 13 जुलाई को उत्तराखंड के राज्यपाल इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न स्थानों से यूरोलाॅजिकल विशेषज्ञ चिकित्सक अपने अनुभवों और विचारों को साझा करेंगे।

यूरोलाॅजिकल कैंसर से सम्बन्धित विभिन्न बीमारियों के निदान के लिए एम्स ऋषिकेश के यूरोलाॅजी विभाग लम्बे समय से विशेष अभियान का संचालन कर रहा है। अभियान के तहत जन-जागरूकता के कार्यक्रमों के अलावा सेमिनारों का आयोजन, गोष्ठियां और लाइव कार्यशालाओं का आयोजन शामिल है। इस श्रृंखला में अब अगले महीने 13 जुलाई को एम्स के मुख्य सभागार में एक वृहद सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित यूरोलाॅजिकल कैंसर को मात दे चुके उन सभी लोगों के विचार साझा होंगे जो एम्स के यूरोलॉजी विभाग में इलाज करवाने के बाद पूर्व में अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं और वर्तमान में स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं।

यूरोलाॅजी विभाग के हेड और कार्यक्रम के आयोजन सचिव डाॅ. अंकुर मित्तल ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह करेंगे, जबकि दिल्ली एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास, पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. विवेक लाल और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. एस.एन. संखवार विशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम को एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह विशेष तौर से संबोधित करेंगी।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान यूरोलाॅजिकल कैंसर और इसके प्रति जागरूकता विषय पर प्रकाशित एक पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा। साथ ही, यूरोलाॅजिकल कैंसर से जूझ रहे लोगों की सुविधा के लिए विभाग एक हेल्पलाइन नम्बर भी जारी होगा।

उल्लेखनीय है कि भारत में 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के विकसित होने का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा किडनी और यूरीन ब्लाडर में भी कैंसर होने के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं।

एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग का प्रयास है कि यूरोलाॅजिकल कैंसर के प्रति आम लोगों को जागरूक कर उन्हें इस बीमारी के लक्षणों, बचाव और इलाज के प्रति विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाए। इस विषय में यूरोलॉजी विभाग पूर्व में भी विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर कई सफल कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से मूत्र रोग से सम्बंधित यूरोलॉजिकल कैंसर से जूझ रहे हजारों लोग लाभान्वित हो चुके हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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