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अपडेटः …तो क्या हरक सिंह को लेकर मचा था कांग्रेस में घमासान

देहरादून। तो क्या हरक सिंह कांग्रेस में आना चाह रहे थे। क्या हरक सिंह की एंट्री को लेकर ही कांग्रेस में यह घमासान मचा हुआ था। क्या हरक सिंह की कांग्रेस में एंट्री को हरीश रावत ने रोका हुआ था, जो कांग्रेस में अंतर्कलह का कारण बना।
 उत्तराखंड में सियासत से एक बड़ी खबर आ रही है कि उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी हरक सिंह रावत ने स्वयं इसकी घोषणा नहीं की।
उधर, रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काउ के भाजपा से इस्तीफा देने की खबर है। अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मंत्री हरक व विधायक उमेश के इस्तीफे से अनभिज्ञता जाहिर की।
वहीं, इस राजनीतिक घटनाक्रम को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

खबरों के मुताबिक, हरक सिंह रावत ने अपनी ही सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है। मीडिया रिपोर्ट में हरक सिंह रावत के हवाले से कहा गया है कि मेरी स्वीकृत योजनाओं को लटकाया जा रहा है। अभी तक के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर तो यही सवाल उठता है कि क्या हरक सिंह घर वापसी कर रहे हैं।
लंबे समय से हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी की अटकलें चल रही हैं। हरक सिंह रावत ने हमेशा इस संभावना से इनकार किया था। उनकी कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं उस समय ज्यादा जोरों पर रहीं, जब यशपाल आर्य की घर वापसी और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बयानों के बाद, पूर्व सीएम रावत ने साफ-साफ कह दिया कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले, उन सभी को अपने पापों का प्रायश्चित करना होगा, जो उनकी सरकार गिराने में शामिल रहे।
इसके बाद हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में शामिल होने की संभावना से साफ इनकार करते हुए हरदा को निशाने पर लिया था।
हालांकि, बाद में उनके बयानों में कभी नरम, कभी गरम का रूख रहा। उस समय माना जा रहा था कि हरदा को निशाने पर लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह खेमे को पक्ष में करने की कोशिश की जा सकती है। क्योंकि, यशपाल आर्य को फिर से कांग्रेस में लाने का श्रेय प्रीतम सिंह को ही जा रहा है। वैसे भी, उस समय भी प्रीतम सिंह को बागियों की कांग्रेस में एंट्री से कोई ऐतराज नहीं था। उन्होंने तो हरीश रावत के बयान पर स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस में बागियों की एंट्री का फैसला हाईकमान को लेना है। उन दिनों भी कांग्रेस में अंतर्कलह की खबरें सामने आ रही थीं।
हाल ही, पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट से भी कांग्रेस में अंतर्कलह खुलकर सामने आया। इसकी वजह जहां टिकटों का बंटवारा माना जा रहा है, वहीं यह भी कहा जा रहा है कि हरीश रावत कुछ नेताओं की कांग्रेस में एंट्री के पक्ष में नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की हरक सिंह, उमेश शर्मा काउ से कांग्रेस में वापसी को लेकर बातचीत चल रही थी। पूर्व सीएम हरीश रावत इनकी वापसी का पहले से ही विरोध कर रहे हैं।
इसी बात को लेकर देवेंद्र यादव और हरीश रावत के बीच ठन गई। इसी तनातनी को लेकर हरीश रावत लगातार असंतुष्ट होने का इशारा सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे थे। आखिरकार उनके एक ट्वीट ने पूरे अंतर्कलह को जगजाहिर कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली मीटिंग में हरक सिंह और अन्य नेताओं की घर वापसी पर मुहर लग गई। दिल्ली मीटिंग के बाद हरक सिंह रावत के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे की अटकलें सुर्खियां बन रही हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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