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स्किन एलर्जीः फंगल इन्फेक्शन से इस तरह करें बचाव

एम्स ऋषिकेश ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी

ऋषिकेश। न्यूज लाइव

बरसात के मौसम में त्वचा रोगों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। खासतौर से फंगस अथवा एलर्जी की शिकायत वाले लोगों के लिए यह मौसम ज्यादा दिक्कतें पैदा कर सकता है। इस मौसम में वातावरण में नमी की अधिकता और शरीर में पसीना आने से त्वचा में कई तरह के रोग पैदा होने की संभावना प्रबल हो जाती है। एम्स ऋषिकेश ने इस मामले में एडवाइजरी जारी कर विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी है।

बरसात का मौसम अपने साथ न केवल कई तरह की दुश्वारियां लेकर आता है, बल्कि इस मौसम में स्किन में एलर्जी से संबन्धित कई तरह की बीमारियां भी जन्म लेती हैं। कारण है कि बरसात के मौसम में कीटाणु बहुत तेजी से पनपते हैं और त्वचा में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

एम्स के त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार कंसल ने बताया कि स्वच्छता की कमी, भीड़ वाले स्थानों में ज्यादा देर तक रहने अत्यधिक पसीना आने, गीले या नमी वाले कपड़े पहनने और मौसम में आर्द्रता की वजह से बरसात में विभिन्न प्रकार के चर्म रोग पैदा हो जाते हैं। इनमें त्वचा में चकते उभरना, खुजली होना और बालों का झड़ना प्रमुख रोग हैं।

उन्होंने बताया कि अधिकांश मामलों में यह फंगल संक्रमण होता है और समय पर इलाज नहीं होने से यह त्वचा में कई जगह फैलना शुरू कर देता है। डॉ. कंसल ने बताया कि एम्स में त्वचा रोगों से संबंधित सभी प्रकार के परीक्षण और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीति भाटिया का कहना है कि बरसात के मौसम में चेहरे पर मुहांसे और लाल पिंपल्स उभरना आम बात है। इसे एलर्जी अथवा एक्जिमा भी कहते हैं।

खासतौर से यह शरीर पर खुजली वाले लाल चकते के साथ देखी जाती है। इसके अलावा अधिकांश लोगों में बरसात के मौसम में बालों का झड़ना और उनमें रूखापन आने की समस्या भी होती है। इसलिए त्वचा रोगों से बचने के लिए शरीर की स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी है।

क्या बरतें सावधानी
विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुशांतिका ने बताया कि दैनिक तौर पर स्नान करने, अच्छी तरह से सूखे हुए कपड़े पहनने, बारिश में भीगने के कारण गीले कपड़ों को तुरंत बदलने और शरीर में पसीना आने वाले स्थानों को साफ रूमाल अथवा साफ तौलिये से पोंछकर उसे सूखा रखने से इन बीमारियों से बचा जा सकता है।

इस्तेमाल किए हुए वस्त्र तथा तौलिये को किसी दूसरे को उपयोग नहीं करना चाहिए। बरसात के मौसम में सिर की ज्यादा तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से बालों के टूटने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि बालों के झड़ने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं , जिनकी समय रहते जांच करा लेनी चाहिए।

एम्स में त्वचा रोग विभाग की ओपीडी रविवार को छोड़कर सप्ताह में प्रत्येक कार्य दिवस पर होती है। ओपीडी पर्चा बनाने हेतु पंजीकरण का समय सुबह 7 बजे से 11 बजे तक है। जबकि एलर्जी क्लीनिक प्रत्येक शुक्रवार को संचालित होता है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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