रेलवे ने शुरू कर दी प्लास्टिक मुक्त भारत की तैयारियां
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दो अक्टूबर, 2019 से देश में प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के आह्वान को ध्यान में रखकर भारतीय रेलवे ने शानदार पहल की है। रेलवे ने पर्यावरण को प्लास्टिक के खतरे से बचाने के लिए एक बार अगुवाई की है। रेल मंत्रालय ने रेलवे की सभी यूनिटों को दो अक्टूबर, 2019 से 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। प्लास्टिक कचरे के सृजन को न्यूनतम स्तर पर लाने और इसके पर्यावरण अनुकूल निपटारे की व्यवस्था करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
इस संबध में रेल मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर निम्नलिखित निर्देशों को दो अक्टूबर, 2019 से लागू करने की बात कही है :-
- एकल या एकबारगी उपयोग वाली प्लास्टिक सामग्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- सभी रेलवे वेंडरों को प्लास्टिक के बैग का उपयोग करने से बचना होगा।
- कर्मचारियों को प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग कम करना चाहिए, प्लास्टिक उत्पादों की रिसाइक्लिंग कर इसका फिर से इस्तेमाल करना चाहिए और इसके साथ ही फिर से उपयोग में लाए जा सकने वाले सस्ते बैगों का उपयोग करना चाहिए, ताकि प्लास्टिक के स्टॉक में कमी आ सके।
- आईआरसीटीसी विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में प्लास्टिक की पेयजल वाली बोतलों को लौटाने की व्यवस्था लागू करेगा।
- प्लास्टिक की बोतलों को पूरी तरह तोड़ देने वाली मशीनें जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन निर्देशों पर कड़ाई से पालन दो अक्टूबर, 2019 से किया जाएगा, ताकि सभी संबंधित लोगों को ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ सुनिश्चित करने हेतु पूरी तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। रेल मंत्रालय ने रेलवे की सभी यूनिटों को यह निर्देश भी दिया है कि प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने की शपथ दो अक्टूबर, 2019 को दिलाई जाएगी। इसके अलावा, रेलवे की सुविधाओं का उपयोग करने वालों (यूजर) के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) संबंधी उपाय अपनाए जाएंगे।