राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए नये साल से नई एसओपीः अस्पतालों में मरीजों के बेड्स पर हर दिन अलग-अलग रंग की चादर होगी
मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की भी लगातार मॉनिटिरिंग की जाएगीः चिकित्सा शिक्षा मंत्री
देहरादून। न्यूज लाइव ब्यूरो
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग से एसओपी बनाई जाएगी, जिसका पालन सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही चिकित्सकों भी करना होगा।
इसके साथ ही, चिकित्सकों से लेकर समस्त कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति भी अनिवार्य रूप से लगानी होगी। मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को प्रतिदिन दिए जाने वाले भोजन संबंधी मेन्यू वार्ड के बाहर चस्पा करना होगा। इस व्यवस्था को नये साल से अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को अपने शासकीय आवास पर चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकिरयों को दिए।
उन्होंने कहा कि एसओपी में चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों के कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन की स्पष्ट रूपरेखा तैयार की जाएगी, जो कार्मिक एसओपी के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों से लेकर सभी कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थित भी अनिवार्य की जाएगी।
कॉलेज में भर्ती मरीजों को प्रतिदिन दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रत्येक वार्ड में चस्पा करना होगा।
मरीजों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से दूर रखने के लिए प्रत्येक दिन भर्ती मरीजों के बेड की चादर बदलनी होगी, जिसके सप्ताह में सातों दिन के लिए चादरों का अलग-अलग रंग निर्धारित किया जाएगा। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिए वार्ड के नर्सिंग इंचार्ज व कालेज के सुपरिटेंडेंट की जिम्मेदारी होगी।
अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने का समय निर्धारित किया जाएगा। विशेषकर, आईसीयू व जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।
एक मरीज के साथ एक ही तीमारदार वार्ड के अंदर प्रवेश कर सकेगा।
मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की भी लगातार मॉनिटिरिंग की जाएगी।
यह नई व्यवस्था सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एक जनवरी 2025 से लागू की जाएगी। इसके लिये सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों के साथ ही निदेशक चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दिए गए हैं।
मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के रिक्त पदों को भी शीघ्र भरने को कहा गया है। साथ ही, आवश्यकतानुसार पैरामेडिकल, टेक्नीशियन व वार्ड ब्वॉय की आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनाती करने को कहा गया है।
बैठक में कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल.ब्रह्म भट्ट, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा नमामि बंसल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. गीता जैन आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।